Published By:धर्म पुराण डेस्क

बेबी फीडिंग से न डरें इस तरह बनी रहेगी फिगर की खूबसूरती

कुछ स्त्रियां शिशु को स्तनपान नहीं कराती, वे सोचती हैं कि इससे उनके स्तन शिथिल हो जाएंगे, जबकि यह मात्र भ्रम है। स्तनों के शिथिल होने का कारण स्तनपान नहीं अपितु गलत ढंग से स्तनपान कराना है। 

शिशु को स्तनपान कराते समय कभी भी गर्दन ज्यादा नीचे झुकाकर स्तनपान नहीं कराना चाहिए, क्योंकि ज्यादा झुककर स्तनपान कराने से वक्ष प्रदेश के रक्त संचार में अवरोध होता है, जिससे स्तन शिथिल और बेडौल हो जाते हैं। 

अतः गर्दन सीधी रखकर, समतल स्थान पर बैठकर, शिशु को गोद में लेकर ही स्तनपान कराएं अन्यथा वक्ष शिथिल होकर लटक जाएंगे। कई स्त्रियां लेटकर या एक ही स्तन से शिशु को स्तनपान कराती हैं, इससे भी स्तन शिथिल हो जाते हैं।

वक्ष-सौंदर्य हेतु कुछ घरेलू उपाय- 

1. गजपीपल, अश्वगंधा, बच और कनेर के पत्ते पानी से पीसकर, थोड़ा गर्म करके स्तनों पर लगाएं, ऊपर से ब्रा पहन लें। यह लेप अल्प विकसित स्तन वाली विवाहित एवं अविवाहित महिलाओं के लिए समान रूप से उपयोगी है। इससे कुछ ही दिनों में स्तन पुष्ट और सुडौल हो जाते हैं।

2. अनार का छिलका तथा इंद्र जौ समान मात्रा में प्रातः पानी में भिगोकर रख लें और रात में पीसकर स्तनों पर लेप करें और प्रातः धोलें। इससे स्तन सुदृढ़ एवं पुष्ट होते हैं।

3. जैतून के तेल में गंभारी की छाल का महीन चूर्ण तथा अनार के छिलकों का चूर्ण समभाग मिलाकर गाढ़ा लेप बना लें, इससे स्तनों पर धीरे-धीरे गोलाकार यानी की ओर मालिश करें। इसके 2 घंटे बाद स्नान करें। 2 माह तक नियमित रूप से ऐसा करते रहने पर स्तनों का ढीलापन खत्म हो जाता है और उनमें सुडौलता आ जाती है।

4. आंवला, शतावरी, अश्वगंधा और काली मूसली का चूर्ण सममात्रा में मिलाकर 10-15 ग्राम की मात्रा में प्रातः - सायं दूध से सेवन करें।

5. अशोक की छाल, शतावरी अथवा अश्वगंधा का चूर्ण समान मात्रा में लेकर 10-15 ग्राम की मात्रा में प्रातः - सायं दूध से सेवन करें।

पथ्यापथ्य-

मांसाहार, सभी प्रकार की खटाई एवं नशीले पदार्थों का सेवन बंद रखें। अपना आहार संतुलित रखें। शाक-सब्जी, देशी भीगे चने, सलाद, मौसमी फल, मिश्री मिला दूध, सिंघाड़े, बादाम, मूंगफली, नारियल आदि का सेवन लाभप्रद है।


 

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