Published By:दिनेश मालवीय

मत बता क्या क्या लिखा है किस किताब में...दिनेश मालवीय "अश्क"

मत बता क्या क्या लिखा है किस किताब में...दिनेश मालवीय "अश्क"

मत बता क्या क्या लिखा है किस किताब मे तू बता अपना तजुर्बा ही जवाब मे। 

यह बता कि कौन चमकता है चाँद मे यह बता तपता है कौन आफताब मे। 

ज्ञान जो इतना तुझे तो यह बता ज्ञानी फर्क कितना है हकीक़त और ख़्वाब मे। 

यह बता गुलजार है मयख़ाना क्यों इतना क्या इलाजे-ग़म मिला करता शराब मे।

आती-जाती सांस मे हर खो रहा जीवन और तू उलझा हुआ धन के हिसाब मे। 

अब सिवाय ख़ाक के कुछ भी न मिलेगा ढूँढते हो क्या दिले - ख़ानाख़राब मे। 

हुस्न छुपता ही नहीं कितना भी छुपाओ सौ गुना बढ़ जाता है छुपकर हिजाब में। 

दिनेश मालवीय "अश्क"


 

धर्म जगत

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