उच्च रक्तचाप (Hypertension)-
धमनियों के विरुद्ध रक्त का बढ़ा हुआ दबाव उच्च रक्तचाप के नाम से जाना जाता है। रक्त परिसंचरण तंत्र की यह समस्या आज के दिनों में बहुत ही सामान्य हो गई है। बढ़ा हुआ रक्तचाप कई खतरनाक रोगों का कारण हो सकता है। इसकी मुख्य वजह लंबे समय का तनाव ही है।
मुख्य रूप से यह दबाव तब बढ़ जाता है, जब हमारी रक्तवाहिनियाँ सख्त हो जाती हैं जिसकी वजह से अवरोध उत्पन्न होता है। अनुवांशिकता, उम्र वृद्धि, धूम्रपान, तैलीय एवं चर्बीयुक्त भोजन का अधिक प्रयोग एवं अकर्मण्य जीवन-शैली आदि इस रोग की अन्य वजहें हैं।
योग चिकित्सा सिद्धांत: इस योग का काम सख्त हो गई धमनियों को सामान्य करना, रक्त में से चर्बी की मात्रा को कम करना तथा तनाव से मुक्ति दिलाता है।
आसन: संधि संचालन (श्वास प्रश्वास के तालमेल के साथ), ताड़ासन, तिर्यक ताड़ासन, कटि चक्र आसन (5-5 चक्र) शवासन 15 मिनट।
प्राणायाम: नाड़ी शोधन, शीतली, सीत्कारी, भ्रामरी, उज्जायी।
क्रिया: जलनेति, कपालभाति (25 से 50 चक्र नियमित)।
सावधानियां: कोई भी उच्च अभ्यास बिना कुशल मार्गदर्शक के न करें। बीच में जब भी परेशानी महसूस हो, शवासन में लेट कर सोऽहम का ध्यान करें।
अन्य सलाह: सुबह-शाम टहलने का क्रम बनाएं, तनाव मुक्त रहने का प्रयास करें।
मानव धर्म, सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण पहलू है..!!
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