Published By:अतुल विनोद

टेंशन मत लो पूछो कि मैं क्या कर सकता हूँ - अतुल विनोद 

टेंशन मत लो पूछो कि मैं क्या कर सकता हूँ - अतुल विनोद 

 

नेगेटिविटी हर एक के जीवन का अंग है, पॉजिटिविटी है तो नेगेटिविटी भी है| लेकिन नेगेटिविटी एक सीमा तक ही ठीक है| इससे ज्यादा हो जाए तो तकलीफ देती है| इस दौर में कई तरह की परेशानियां है| 

जॉब का चला जाना, जॉब्लेसनेस, बीमारी, अपनों को खोना, फाइनेंशियल क्राइसिस, बिजनेस में लॉस, मनचाही सक्सेस नहीं मिलना, ऐसी चीजें हैं जो लाइफ में आती हैं|

इन सिचुएशंस के सामने हथियार डालने से अच्छा है, हम क्या कर सकते हैं उस पर ध्यान केंद्रित करें, कोशिश करना हमारे हाथ में होता है, लेकिन नतीजा हमारे हाथ में नहीं होता| नतीजा आने के बाद टूट जाना होशियारी भरा कदम नहीं है| टेंशन लेने और फिक्र करने से सिचुएशन ठीक नहीं होगी| जो रिजल्ट आ गया है वह बदलेगा नहीं|

इसलिए उस सिचुएशन में आप क्या कर सकते हैं? कोई नया कदम उठा सकते हैं| जॉब चली गई है तो सही जगह पर अप्लाई कर सकते हैं| नेगेटिविटी को हावी होने देने से पहले खुद को फिर से मैदान में उतार दें| नए सिरे से कोशिश करना शुरू कर दें|

हम जो कर सकते हैं वह तो करना ही चाहिए| हाथ पर हाथ धरकर बैठना होशियारी भरा कदम नहीं है| निराशा के दौर में टेंशन और ज्यादा जहरीला हो जाता है, टेंशन लेने की बजाय हमारे प्रजेंट को हम किस तरह से ठीक कर सकते हैं| ₹1 भी कैसे कमा सकते हैं| दिनभर को कैसे सदुपयोग कर सकते हैं| 

1. बहुत ज्यादा तनाव हो तो, थोड़ा सा माहौल बदल दें| 

2. हल्के फुल्के वीडियोस देखें| 

3. हंसने हंसाने वाली बातें करें और सुने| 

4. शांत रहने का अभ्यास करें| 

5. अच्छे लोगों के संपर्क में आयें|

 

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