कलयुग धर्म, ज्ञान, और योग्यता की कमी के कारण अधिकतम प्रभावित होता है। यह युग अंधकार, अज्ञान, और धार्मिक असमानता की दिशा में प्रभावित होता है। यहाँ कुछ कलयुग के प्रभाव बताए जा रहे हैं:
धार्मिक विघ्न:
कलयुग धार्मिक अनुष्ठानों में विघ्नों का समय है। लोगों को धर्म का पालन करने में कठिनाई होती है।
ज्ञान की कमी:
अधिकांश मानव ज्ञान की कमी से प्रभावित होते हैं, जिससे सत्य और आध्यात्मिकता के प्रति अज्ञान बढ़ता है।
कलह और असमानता:
लोग अपने स्वार्थ के लिए एक दूसरे के साथ कलह करने और असमानता बढ़ती है।
दुराचार:
कलयुग में दुराचारी और अनैतिक आचरण का अधिक प्रचलन है, जिससे समाज में असुर गुण का प्रभाव होता है।
भ्रष्टाचार:
लोग न्याय की कमी और भ्रष्टाचार के कारण अपने स्वार्थ की प्राप्ति के लिए दुर्भाग्यपूर्ण कार्यों में प्रवृत्त होते हैं।
धार्मिक उत्सर्ग:
यह युग धार्मिक आधारों का उत्सर्ग करता है, जिससे लोग अपने आत्मिक मूल्यों को भूलते हैं।
पापयाचना:
पुण्य का महत्व घटता है और पाप की प्रवृत्तियां बढ़ती हैं, जिससे जनसंख्या का भरमर बढ़ता है।
कलयुग का प्रभाव जीवों को आध्यात्मिक उन्नति की दिशा में सहायक बनाने की कोशिश करता है, ताकि वे धर्मपरायण और ईश्वर भक्त बन सकें।
मानव धर्म, सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण पहलू है..!!
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