 Published By:धर्म पुराण डेस्क
 Published By:धर्म पुराण डेस्क
					 
					
                    
कर्म, पुरुषार्थ, और प्रारब्ध, ये शब्द ज्ञान और धर्म के मार्ग पर चलने वाले व्यक्तियों के लिए महत्वपूर्ण है। यहाँ हम जानेंगे कि पूर्वजन्म के कर्मों का वर्तमान जीवन पर कैसा प्रभाव पड़ता है और कैसे पुरुषार्थ से हम अपने भविष्य को प्रभावित कर सकते हैं।
पुरुषार्थ और कर्म:
पुरुषार्थ का अर्थ होता है हमारे संघर्ष और प्रयास का परिणाम जो हम अपने जीवन में चाहते हैं। कर्म वह क्रिया होता है जिसे हम करते हैं, और इसके अनुसार हमें फल मिलता है।
पूर्वजन्म के कर्मों का प्रभाव:
योगवासिष्ठ में कहा गया है कि पूर्वजन्म के कर्मों का प्रभाव हमारे वर्तमान जीवन पर पड़ता है। जैसे किसी ने पूर्व जीवन में शुभ कर्म किए हैं, उसे उन कर्मों के फल के रूप में शुभ भाग्य मिलता है। विपरीत, अशुभ कर्म करने वाले को अशुभ फल मिलता है।
देव और शुभ फल:
देव शब्द से अशुभ फल की ओर इंगित किया जाता है, जब एक व्यक्ति अच्छे कर्म करके भी उद्योग और पुरुषार्थ के बावजूद सफल नहीं होता है।
कर्म का महत्व:
कर्म का महत्व यह है कि हम अच्छे कर्म करके अच्छे फल प्राप्त कर सकते हैं। हम अपने वर्तमान और भविष्य को सुधारने के लिए सदैव शुभ कर्म करने का प्रयास कर सकते हैं।
ध्यान और पुरुषार्थ:
हमें अपने कर्मों को सावधानी से करना चाहिए और उनका फल दैविकता के साथ स्वीकारना चाहिए। ध्यान और पुरुषार्थ से हम अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं और पूर्वजन्म के कर्मों का प्रभाव कम कर सकते हैं।
इसलिए, हमें सदैव अच्छे कर्म करने का प्रयास करना चाहिए और अपने पुरुषार्थ के माध्यम से अपने जीवन को सफल बनाने का प्रयास करना चाहिए। पूर्वजन्म के कर्मों का प्रभाव हमारे जीवन पर होता है, लेकिन हम अपने पुरुषार्थ से उसे प्रभावित कर सकते हैं और अपने जीवन को सफल बना सकते हैं।
 
                                मानव धर्म, सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण पहलू है..!!
February 24, 2024 
                                यदि आपके घर में पैसों की बरकत नहीं है, तो आप गरुड़...
February 17, 2024 
                                लाल किताब के उपायों को अपनाकर आप अपने जीवन में सका...
February 17, 2024 
                                संस्कृति स्वाभिमान और वैदिक सत्य की पुनर्प्रतिष्ठा...
February 12, 2024 
                                आपकी सेवा भगवान को संतुष्ट करती है
February 7, 2024 
                                योगानंद जी कहते हैं कि हमें ईश्वर की खोज में लगे र...
February 7, 2024 
                                भक्ति को प्राप्त करने के लिए दिन-रात भक्ति के विषय...
February 6, 2024 
                                कथावाचक चित्रलेखा जी से जानते हैं कि अगर जीवन में...
February 3, 2024 
                                
                                 
                                
                                 
                                
                                 
                                
                                 
                                
                                