Published By:धर्म पुराण डेस्क

आंखों की देखभाल से होगा एग्जाम का स्ट्रेस कम

परीक्षा का समय स्टूडेंट्स के लिए अतिरिक्त तनाव भरा हो जाता है। उनके पढ़ाई के घंटे परीक्षा नजदीक आते-आते बढ़ जाते हैं। पढ़ाई के स्ट्रेस के साथ-साथ आंखों पर भी इसका विपरीत असर पड़ता है। इन दिनों बच्चों की आंखों की सही देखभाल करके स्ट्रेस को कम किया जा सकता है।

आई स्ट्रेस कम इस तरह करें- 

जैसे-जैसे परीक्षा का समय निकट आता है तो सामान्य रूप से हम देखते हैं कि प्रतिदिन बच्चे 6-10 घंटे लगातार पढ़ते हैं। परीक्षा के दबाव के कारण उन पर शारीरिक के साथ ही मनोवैज्ञानिक तनाव भी बना रहता है। जिम्मेदार पालक बच्चों के स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखते हैं लेकिन सभी चीजों के बीच अक्सर आंखों की देखभाल को नजरअंदाज कर देते हैं।

रिवीजन नहीं कर पाता-

तनावपूर्ण या थकी आंखें लगभग पांच प्रतिशत स्कूली बच्चों को प्रभावित करती हैं। खासतौर से रिवीजन सीजन में जो परीक्षा के कुछ दिन पूर्व ही शुरू होते हैं। इसलिए अगर बच्चा सिरदर्द, थकी आंखें या पढ़ते वक्त धुंधला दिखाई देने जैसी शिकायत करता है तो सबसे बेहतर उपाय है कि उसे नियमित रूप से शॉर्ट ब्रेक देना शुरू करें। 

थोड़ी-थोड़ी देर के लिए आंखें बंद करें या खिड़की से बाहर देखें या थोड़ी दूर पर रखी किसी चीज को देखें। टीवी देखना या स्मार्ट फोन को चेक करना ब्रेक नहीं बल्कि रुकावट है। इन दिनों विशेष रूप से होने वाली थकी आंखें बहुत चिंताजनक भी हो सकती हैं। 

इसके लिए आखिरी उपाय ऑप्टिशियन या हॉस्पिटल जाना ही हो सकता है क्योंकि यह काफी गंभीर भी हो सकता है। आमतौर पर ये लक्षण लंबे समय तक पढ़ने या फिर खराब रोशनी में बिना ब्रेक के पढ़ने का परिणाम भी हो सकते हैं। 

यह भी जरूरी है कि अगर लक्षण बने रहते हैं तो बच्चे की आंखों की जांच करवाएं। अगर बच्चा पढ़ने के उद्देश्य से कम्प्यूटर या टैबलेट का प्रयोग करता है तो यह सुनिश्चित हो जाता है कि उसकी आंखों की समस्या का संबंध कंप्यूटर विजन सिंड्रोम से हो सकता है। कंप्यूटर की ब्राइटनेस, टेक्स्ट साइज और कॉन्ट्रास्ट को एडजस्ट करके भी आंखों के स्ट्रेस को दूर कर सकते हैं।

पलकें जरूर झपकाएं-

कम्प्यूटर पर काम करते वक्त हम पलकें झपकाना भूल जाते हैं। यह भी खतरनाक समस्या है क्योंकि इससे आंखें नम रहते हुए रूखेपन और खुजली से बचाई जा सकती है। आमतौर पर बच्चे जब कम्प्यूटर पर काम करते हैं तो बार-बार आंखें कम झपकाते हैं। 

सामान्य से लगभग एक-तिहाई कम कम्प्यूटर का प्रयोग करते वक्त ड्राई आईज के खतरे को कम करने के लिए इस एक्सरसाइज को करें- प्रत्येक 20 मिनट में आंखों को 10 बार झपकाएं जैसे सोने जा रहे हैं, बहुत धीमे-धीमे बच्चों को कंप्यूटर विजन सिंड्रोम और गर्दन, पीठ और कंधे के दर्द के खतरे को कम करने के लिए बार-बार ब्रेक लेने का आग्रह करें।


 

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