तेजाजी का मेला: गुना जिले में पिछले सौ से ज्यादा वर्षों से यह मेला लग रहा है। तेजाजी की जयंती भाद्रपद शुक्ल दशमी पर यह मेला आयोजित होता है।
इस मेले में भाग लेने के लिए आसपास के विभिन्न क्षेत्रों से लोग आते हैं। इस क्षेत्र में मान्यता है कि तेजाजी का नाम लेने भर से सांप के काटे हुए व्यक्ति को राहत मिल जाती है।
जागेश्वरी देवी का मेला: गुना जिले के चंदेरी नामक स्थान में यह मेला लगता है। इस मेले के बारे में किंवदंती है कि चंदेरी के शासक जागेश्वरी देवी के भक्त थे। वे कोढ़ से पीड़ित थे।
किंवदंती के अनुसार देवी ने राजा से कहा था कि वे 15 दिन बाद देवी स्थान पर आएं, राजा के वहां आने से राजा का कोढ़ ठीक हो गया और उसी दिन से उस स्थान पर मेला लगना शुरू हो गया।
यहां पर लोग इसी किंवदंती के अनुरूप कोढ़ समेत दूसरे रोगों के ठीक होने की कामना के साथ आते हैं।
महामृत्यंजना का मेला: बसंत पंचमी और शिवरात्रि पर रीवा जिले में महामृत्यंजना के मंदिर पर यह मेला लगता है। यह बघेलखण्ड का एक प्रमुख धार्मिक मेला है।
मानव धर्म, सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण पहलू है..!!
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