बरमान घाट का मेला:
नरसिंहपुर जिले के सुप्रसिद्ध बरमान घाट पर मकर संक्रांति से 13 दिवसीय मेला लगता है। यह स्थान जिले की गाडरवारा तहसील का हिस्सा है।
गढ़ाकोटा का रहस मेला:
प्रतिवर्ष फरवरी में बसंत पंचमी से एक माह तक आयोजित होने वाला यह मेला क्षेत्र के प्राचीन मेलों में से एक माना जाता है। इस मेले में बड़ी संख्या में मवेशियों की खरीद बिक्री होती है।
ऐसा माना जाता है कि यह मेला सन् 1785 में मर्दन सिंह नामक राजा के गढ़ाकोटा का उत्तराधिकारी बनने के बाद से शुरू हुआ है।
तब यहां नृत्य करने के लिए दूर-दूर से रास मंडलियां और स्वांग रचने वाले लोग आया करते थे, पर अब यह सांस्कृतिक पक्ष क्षीण हो गया है।
उल्दन का मेला: सागर जिले ग्राम उल्दन के निकट धसान और आंडेर नदियों के संगम पर शिव पार्वती के मंदिर पर मकर संक्रांति का भव्य मेला भरता है। इस स्थल को लेकर ऐसी मान्यता है कि यहां शिव, पाषण में प्रकट हुए।
कालांतर में इस चमत्कारिक पाषण को एक मंदिर का निर्माण का विधिवत रूप से प्रतिष्ठित किया गया। इस मेले में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं।
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