जीवन में निर्भयता का महत्वपूर्ण स्थान होता है, क्योंकि निर्भयता ही हमें सच्चे जीवन का संरचनात्मक रूप देती है। भय की आवश्यकता है जब खतरे के सामने हमें सतर्क रहना चाहिए, परन्तु बच्चों को हमेशा निर्भय बनने के मार्ग में दिशा मिलनी चाहिए।
भयभीत होने से मनुष्य की सोच और दृष्टिकोण विकसित नहीं होते, वरन् मन में विकल्पनाएं और संवादनाएं पैदा होती हैं। निर्भयता की आवश्यकता वह समय होती है जब किसी विपदा से बचाव का उपाय निकालना होता है, परन्तु यह एक जीवन शैली नहीं होनी चाहिए।
बच्चों की मानसिकता को सकारात्मक और संवेदनशील बनाने के लिए, हमें उन्हें सुरक्षित महसूस कराने के साथ-साथ निर्भय भी बनाना चाहिए। उन्हें समय-समय पर अपनी शक्तियों को पहचानने का मौका देना चाहिए ताकि वे स्वयं को साबित कर सकें।
भयानक सपनों या डरावने विचारों के सामने स्वयं को मजबूत बनाने के लिए, श्रद्धापूर्वक भगवद गीता की शिक्षाओं का अनुसरण करना चाहिए। अपनी आत्मा की ऊँचाइयों को समझकर, वे अपने आप को प्रकृति की शक्तियों से संजोकर अपने आत्म-समर्पण के माध्यम से निर्भय बन सकते हैं।
इस प्रकार, बच्चों को निर्भय बनाने के उपायों के माध्यम से हम उन्हें सहायक और सक्रिय नागरिक बना सकते हैं, जो समाज के विकास में योगदान करेंगे।
मानव धर्म, सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण पहलू है..!!
February 24, 2024यदि आपके घर में पैसों की बरकत नहीं है, तो आप गरुड़...
February 17, 2024लाल किताब के उपायों को अपनाकर आप अपने जीवन में सका...
February 17, 2024संस्कृति स्वाभिमान और वैदिक सत्य की पुनर्प्रतिष्ठा...
February 12, 2024आपकी सेवा भगवान को संतुष्ट करती है
February 7, 2024योगानंद जी कहते हैं कि हमें ईश्वर की खोज में लगे र...
February 7, 2024भक्ति को प्राप्त करने के लिए दिन-रात भक्ति के विषय...
February 6, 2024कथावाचक चित्रलेखा जी से जानते हैं कि अगर जीवन में...
February 3, 2024