Published By:धर्म पुराण डेस्क

हस्तरेखा देखने के लिए इन नियमों का पालन करें, हाथ की रेखाएं ऐसे बताएंगी सही भविष्य

ज्यादातर लोगों को देखा गया है कि वे बिना नहाये धोये, नित्यकर्म से निवृत्त हुए बिना, बीमारी की हालत या गुस्से की हालत में हाथ दिखाना शुरू कर देते हैं। लेकिन उन्हें यह पता ही नहीं होता है कि यह स्थिति उनके लिये तथा हस्त परीक्षक दोनों के लिये नुकसानदायक सिद्ध हो सकती है।

ऐसी हालत में कभी भी हस्त परीक्षण नहीं करना चाहिये और परीक्षण करवाना भी नहीं चाहिये। कई बार यह भी देखने में आता है कि कोई शराबी शराब पीकर अपना हाथ दिखाने के लिये जिद्द करने लगता है जो गलत है। नशे की हालत में तथा लड़ाई-झगड़े की हालत में हाथ दिखाना नुकसानदायक होता है।

कभी-कभी हस्त परीक्षक को जातक के हाथ में कोई चमत्कारिक या शुभ या अशुभ चीज नजर आती है तो उसे वह झट से कह देता है जिसके फलस्वरूप जातक पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। ऐसा कभी भी नहीं होना चाहिये। 

अगर कोई शुभ संकेत है तो जातक का मन खुश होगा लेकिन कोई अनहोनी बात अचानक उसके सामने आ जाये तो वह भयभीत हो जायेगा और इसका प्रतिकूल प्रभाव उसके जीवन पर पड़ सकता है। तो परीक्षक को ऐसी स्थिति का विशेष ध्यान रखना आवश्यक होता है।

कैसे करें परीक्षण-

हस्त परीक्षण करते समय आमतौर पर दोनों हाथों का निरीक्षण करना चाहिये। दोनों हाथों के निरीक्षण के बाद जो निष्कर्ष निकलता है, उससे सटीक फलादेश करने का प्रयास करना चाहिये।

जैसा कि माना जाता है कि पुरुषों के लिये दायां हाथ और स्त्रियों के लिये बायां हाथ देखना शुभ होता है। इस तथ्य पर भरोसा किया जा सकता है।

जिस जातक का जो क्रियात्मक हाथ हो, उस जातक का वही हाथ देखना उचित होता है। अर्थात् अगर जातक बायें हाथ से लिखना, खाना खाना, खेलना-कूदना करता है तो उसका बायां हाथ ही देखना चाहिये चाहे वह पुरुष ही क्यों न हो।

बहुत सारे लोगों को आपने देखा होगा कि उनका हाव-भाव, चाल-चलन, रहन-सहन स्त्रियों की भांति होता है। तो ऐसे जातक का बायां हाथ ही देखना चाहिये। लेकिन ऐसी बहुत सारी स्त्रियां होती हैं जो पुरुषों वाले कार्य करती हैं तो वैसी स्त्रियों का दायां हाथ देखना चाहिये

12 साल की आयु वाले जातक का बायां हाथ ही देखना ज्यादा उचित होता है।


 

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