Published By:धर्म पुराण डेस्क

हमेशा रोग मुक्त रहने के लिए महर्षि वाग्भट के इस नियम का करें पालन 

जब आप सुबह उठते हो तो सबसे पहले क्या करते हो? आप जरूर फ्रेश होते होंगे फिर ब्रश करके नहाके अपने ऑफिस या अपने काम पर लग जाते होंगे. लेकिन इन सब में आप एक चीज मिस करते है जो आपको करनी चाहिए और वो आपके लिए बहुत फायदेमंद है.

जब आप सुबह उठते हैं, तो आपको निम्नलिखित नियम का पालन करने की सलाह दी जाती है, जो महर्षि वाग्भट के आयुर्वेदिक सिद्धांतों पर आधारित है:

जिह्वा निर्लेखन (जीभ स्क्रेपिंग): सुबह उठते ही अपनी जीभ को एक स्क्रेपर या जीभ क्लीनर के साथ साफ करें। इससे जीभ पर जमे अमल, जीवाणुओं और अनुचित तत्वों को हटाने में मदद मिलती है।

कवलं गंधूषणं (कवला घिसाई): एक तांबे के कवले को पानी में भिगोकर गंधूषण करें। इस तरह के गंधूषण से मुख में जमे जंगम धातुओं को नष्ट किया जा सकता है।

मुख धोती (मुख धोना): गंधूषण के बाद मुख को पानी से अच्छी तरह से धो लें। इससे मुख में जमे कीटाणु, अपच और अमल को हटाने में मदद मिलेगी।

मुख प्रक्षालनं (मुख स्वच्छता): एक तेल गंधित दंतमंजन या विशेष मुखप्रक्षालन द्रव्य का उपयोग करें। इससे मुख की स्वच्छता और सुरक्षा की देखभाल की जाती है।

जिह्वा धारी (जीभ चर्चा): एक अच्छे तेल या दंतमंजन का उपयोग करके जीभ को अच्छी तरह से साफ करें। इससे जीभा की स्वास्थ्य को सुरक्षित रखा जा सकता है।

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