Published By:धर्म पुराण डेस्क

दर्श अमावस्या पर पितृ दोष को दूर करने के लिए निम्नलिखित उपायों को अपना सकते हैं

पितृ तर्पण (Pitru Tarpan): दर्श अमावस्या के दिन पितृ तर्पण करना मान्यता के अनुसार पितरों की आत्मा की शांति के लिए उपयुक्त होता है। आप मंदिर या तीर्थस्थल पर पितृ तर्पण कर सकते हैं या एक पंडित से संपर्क करके इस कार्य को संपन्न कर सकते हैं।

पितृ दान (Pitru Daan): इस दिन पितृ दान करने से भी पितृ दोष को दूर किया जा सकता है। आप अपने ग्राम या नगर के नियमित पितृ श्राद्ध कार्यों में भाग ले सकते हैं और गरीबों को भोजन और दान कर सकते हैं।

मंदिर में पूजा: आप अपने आस-पास के मंदिरों में जाकर पितृ दोष निवारण के लिए पूजा और आराधना कर सकते हैं। माता-पिता की पूजा और आशीर्वाद लेने के लिए भी आप अपने घर के पूजा स्थल में पूजा कर सकते हैं।

दान: आप गरीबों और बेसहारा लोगों को भोजन, वस्त्र, धन, या अन्य आवश्यकताओं के द्वारा दान करके पितृ दोष का निवारण कर सकते हैं। यह आपके पितृगणों की आत्मा को शांति और सुख प्रदान करने में सहायता करेगा।

मंत्र जाप: पितृ दोष को दूर करने के लिए आप माता-पिता के नाम के मंत्रों का जाप कर सकते हैं, जैसे कि "ॐ मातृदेवयै नमः" और "ॐ पितृदेवयै नमः"। इसके अलावा, आप विष्णु सहस्त्रनाम या देवी दुर्गा के मंत्रों का जाप भी कर सकते हैं।

दर्श अमावस्या 2023: हिंदू धर्म में मान्यता है कि दर्श अमावस्या के दिन पूर्वज धरती पर आते हैं और अपने परिजनों का आशीर्वाद देते हैं। हिंदू पंचांग के मुताबिक आषाढ़ अमावस्या तिथि 17 जून सुबह 9.11 बजे से हो रही है और यह तिथि 18 जून सुबह 10.06 बजे समाप्त होगी। ऐसे में दर्श अमावस्या 17 जून शनिवार को मनाई जाएगी। उदया तिथि के चलते आषाढ़ अमावस्या 18 जून को होगी और इसका दान पुण्य भी 18 जून रविवार के दिन ही श्रेष्ठ माना जाएगा।

हिंदू धर्म में दर्श अमावस्या का महत्व:

दर्श अमावस्या 2023 के उपाय: दर्श अमावस्या 17 जून को, इन उपायों से दूर होगा पितृ दोष

दर्श अमावस्या 2023: दर्श अमावस्या का महत्व हिंदू धर्म में विशेष मान्यता रखा जाता है। यह माना जाता है कि इस दिन पूर्वज आकर अपने परिवार का आशीर्वाद देते हैं और पितृदोष को दूर करते हैं।

दर्श अमावस्या 2023 तिथि: दर्श अमावस्या 17 जून को प्रातः 9:11 बजे से शुरू हो रही है और 18 जून को प्रातः 10:06 बजे तक चलेगी।

दर्श अमावस्या 2023 उपाय: इस दिन पितृ दोष को दूर करने के लिए निम्नलिखित उपायों का पालन करें:

तर्पण और पिंडदान: सुबह स्नान करें और पितरों के लिए तर्पण और पिंडदान करें। इससे पितरों को प्रसन्नता मिलती है और पितृ दोष का निवारण होता है।

दीपक जलाना: पितरों को समर्पित करने के लिए दीपक जलाएं। इससे पितरों का आशीर्वाद मिलता है और उनकी कृपा बनी रहती है।

व्रत रखें: जिन लोगों की जन्म कुंडली में चंद्र दोष हो और पितृ दोष के प्रभाव से पीड़ित हो रहें हों, वे दर्श अमावस्या पर व्रत रख सकते हैं। इससे उन्हें आराम मिलता है और दोष का समाधान होता है।

दान करें: दर्श अमावस्या पर दान करें, जैसे कि अन्न, वस्त्र, गहने, धन, और अन्य आवश्यकताओं के वस्त्र। दान करने से पितरों को संतुष्टि मिलती है और पितृ दोष नष्ट होता है।

मंत्र जप करें: पितरों के लिए विशेष मंत्रों का जाप करें, जैसे कि "ॐ नमः शिवाय" या "ॐ गं गणपतये नमः"। इससे पितरों को शांति मिलती है और पितृ दोष से रक्षा होती है।

दर्श अमावस्या 2023 उपाय: दर्श अमावस्या 17 जून को, इन उपायों से दूर होगा पितृ दोष ..

दर्श अमावस्या 2023 के दिन प्रेत आत्माएं और नकारात्मक शक्तियां सक्रिय रहती हैं। इसलिए बुरे काम करने से बचना चाहिए। शराब, मांस आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा किसी का दिल दुखाने जैसा कोई भी काम नहीं करना चाहिए।

दर्श अमावस्या का महत्व: पौराणिक मान्यता है कि दर्श अमावस्या के दिन भगवान चंद्र देव की पूजा करने से जीवन में शांति आती है और जीवन में संघर्ष कम होते हैं। दर्श अमावस्या पर पितरों को प्रसन्न रखने के लिए सुबह स्नान कर तर्पण, पिंडदान, श्राद्ध, पंचबलि कर्म आदि करना चाहिए। पितरों के लिए दीपक जलाना चाहिए।

दर्श अमावस्या पर रखें व्रत: लग्न कुंडली के मुताबिक जिन जातकों के कुंडली में चंद्र कमजोर होता है, उन्हें दर्श अमावस्या का व्रत रखना चाहिए और चंद्र देव की पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से जातक का भाग्योदय होता है और देवी लक्ष्मी भी प्रसन्न होती है।

सफेद वस्त्रों का करें दान: दर्श अमावस्या का चंद्र देव का पूजन करने से साथ ही पितरों को याद करते हुए गरीबों को सफेद वस्त्र दान करना चाहिए। ऐसा करने से जीवन में सुख समृद्धि आती है। इस दिन पीपल या बरगद के पेड़ को कच्चा दूध और जल मिलाकर अर्पित करना चाहिए। दर्श अमावस्या के दिन घर में कपूर जलाएं और जलते हुए कंडे/उपले पर गुड़ घी के मिश्रण की आहुति दें। ऐसा करने से भी पितृ दोषों से मुक्ति मिलती है।

यदि आपको और अधिक उपाय और अनुष्ठानों की जानकारी चाहिए, तो आप पंडित या ज्योतिषाचार्य से सलाह ले सकते हैं। वे आपको इस विशेष दिन के लिए संबंधित उपाय और पूजा विधि के बारे में अच्छी जानकारी और मार्गदर्शन प्रदान कर सकते हैं।

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