Published By:धर्म पुराण डेस्क

रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा का चौथा दिन, आज 21 वैदिक पूजा प्रक्रियाएं

यूपी के अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आज चौथा दिन है। आज मंदिर में 21 वैदिक पूजा प्रक्रियाएं होंगी, जिनमें "स्थापित देवता पूजन (देवताओं की पूजा), द्वारपालों द्वारा वेद पारायण (चारों द्वारपालों की पूजा ब्राह्मण करते हैं यज्ञ), देवप्रबोधन (देवताओं का जागरण) पूजा विधि), औषधिवास (रामलला की मूर्ति औषधियों में रखी जाएगी), केसरधिवास (रामलला की मूर्ति सुगंधित केसर में रखी जाएगी), घृतधिवास (रामलला की मूर्ति घी में रखी जाएगी), कुंड पूजन (यज्ञ कुंड की पूजा की जाएगी) आदि शामिल हैं। 

इनके अलावा पंचभु संस्कार (हवन से पहले अग्नि के पांच अनुष्ठान किए जाते हैं, जिन्हें पंचभू संस्कार कहा जाता है), अरणि मंथन (अग्नि मंत्र का जाप करके आग जलाई जाती है और फिर हवन किया जाता है। वैश्विक कल्याण के लिए वही अग्नि), अग्नि स्थापन (तालाब में अग्नि स्थापित की जाती है), गृहस्थापन (नौ ग्रहों की स्थापना की जाएगी), अनियारतारुद्र पीठ स्थापना (अन्य क्यात्रुद्र की स्थापना और पूजा की जाएगी), अनियारत रुद्र की पूजा की जाएगी, प्रधान स्थापना (मुख्य वेदी की स्थापना), वरुण मंडल (नक्षत्रों के नक्षत्रों की स्थापना की जाएगी)। 

एक मंडल जिसमें रेवती, पूर्वाषाढ़ा, आर्द्रा, अश्लेषा, मूल उत्तराभाद्रपद और शतभिषा शामिल हैं.. कुल 27 नक्षत्र हैं जिनकी पूजा की जाएगी), योगिनी मंडल स्थान (64 योगिनियों की पूजा), क्षेत्रपाल मंडल स्थान (राक्षसी शक्तियों को दूर करने के लिए क्षेत्रपाल की पूजा), ग्रहहोम (नवग्रहों की पूजा), स्थानप्यदेवहोम (स्थापित देवताओं की पूजा), प्रसाद वास्तु शांति (सृष्टि की शांति के लिए पूजा), धन्याधिवास (भगवान की छवि धारण करना)। अनाज में) और पूजा और आरतीक्यम (आरती और पूजा)।

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