Published By:धर्म पुराण डेस्क

ब्लड प्रेशर से लेकर शुगर कंट्रोल तक, भगवान शिव के प्रिय बेलपत्र, जानिए ये अन्य फायदे भी

बेलपत्र के फायदे जानकर हैरान रह जाएंगे आप बेलपत्र का नाम सुनते ही आपके मन में भगवान शिव की छवि बनने लगती है। औषधीय गुणों से भरपूर बेलपत्र भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। 

अधिकांश बेल पत्रों में एक साथ तीन पत्तियां होती हैं। इन तीन पत्तियों को ब्रह्मा, विष्णु और शिव के प्रतीक के रूप में जाना जाता है। कुछ कथाओं में बेलपत्र को शिव के तीन नेत्रों के रूप में भी जाना जाता है। इससे भगवान शिव की पूजा करने से वह शीघ्र प्रसन्न होते हैं और हम पर अपनी कृपा बनाए रखते हैं। आपको बता दें कि बेलपत्र सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। 

कई अध्ययनों के अनुसार शिमला मिर्च बुखार को ठीक कर सकती है। साथ ही यह मधुमेह रोगियों के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। मधुमक्खी, और ततैया के डंक मारने पर जलन और सनसनी हो तो इस पत्ते का रस लगाएं, तुरंत आराम मिलेगा।

बेल का पत्ता एंटीऑक्सीडेंट और पोषक तत्वों से भरपूर होता है। विटामिन और खनिजों का छुपा खजाना। इसमें विटामिन ए, विटामिन सी, राइबोफ्लेविन, कैल्शियम, पोटेशियम, फाइबर, विटामिन बी1, बी6, बी12 भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।

आयुर्वेद में शरीर के भीतर वात, पित्त और कफ के रूप में तीन दोषों की पहचान की गई है। इन तीनों दोषों में से कोई भी दोष शरीर में विकार पैदा कर रोगों को जन्म देता है। बेलपत्र इस कमी को दूर करने का काम कर सकते हैं। आइए आपको बताते हैं कि बेलपत्र किस तरह से आपको फायदा पहुंचा सकता है।

बेलपत्र एक औषधीय पौधा है जिसमें कई औषधीय गुण होते हैं। यह पौधा आयुर्वेद में महत्वपूर्ण स्थान रखता है और इसका उपयोग विभिन्न रोगों के इलाज में किया जाता है। नीचे बेलपत्र के प्रमुख औषधीय गुणों का वर्णन किया गया है:

एंटीबैक्टीरियल गुण: बेलपत्र में मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुण बक्तीर्ण प्रभावी होते हैं और इसे त्वचा संक्रमणों के इलाज में उपयोगी माना जाता है। इसका सेवन स्किन इन्फेक्शन्स, फंगल इन्फेक्शन्स, और छालक दागों को कम करने में मदद कर सकता है।

एंटीऑक्सीडेंट गुण: बेलपत्र में प्रचुर मात्रा में विटामिन सी और विटामिन ए पाया जाता है, जो एंटीऑक्सीडेंट्स के रूप में कार्य करते हैं। इससे शरीर के रोगाणुओं से लड़ने की क्षमता मजबूत होती है और रोगों से बचाव में मदद मिलती है।

पाचन गुण: बेलपत्र में पाचन गुण पाए जाते हैं जो पाचन प्रणाली को सुधारने में मदद कर सकते हैं। इसका सेवन आपके पाचन को बेहतर बनाने, खाने को पचाने, गैस, एसिडिटी, और कब्ज को कम करने में सहायक हो सकता है।

श्वास नली रोगों में लाभकारी: बेलपत्र में मौजूद तत्वों के कारण, इसका सेवन श्वास नली संबंधित रोगों के इलाज में मददगार साबित हो सकता है। यह श्वास, खांसी, ब्रोंचाइटिस और अस्थमा को कम करने में मदद कर सकता है।

स्तनपान समर्थन: बेलपत्र का सेवन स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए भी फायदेमंद हो सकता है। इसमें मौजूद गुणों के कारण, यह स्तनमूलक तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है और दूध की उत्पादन को बढ़ावा देता है।

मधुमेह, उच्च रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करता है:

बेल के पत्तों का सेवन मधुमेह, उच्च रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल और दिल से जुड़ी बीमारियों को ठीक करने में बहुत फायदेमंद होता है।

पाचन क्रिया दुरुस्त रखें:

पेट साफ करने के लिए बेल फल एक बेहतरीन फार्मूला है। इसमें रेचक गुण होते हैं जो पाचन तंत्र को दुरुस्त रखते हैं।

चेहरे पर चमक के साथ बालों का झड़ना रोकता है:

पत्ते में कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। इस पेस्ट को लगाने से चेहरे पर निखार आता है। इसके अलावा अगर ज्यादा पसीने की वजह से चेहरे पर दाग-धब्बे या दुर्गंध आ रही हो तो बेल के पत्तों का फेस पैक चेहरे को मुलायम और दुर्गंधयुक्त कर सकता है। इसके अलावा बेल का रस पीने और इसका सेवन करने या इसकी पत्तियों को खाने से भी बाल झड़ने की समस्या दूर होती है। बालों में चमक आती है और बाल घने भी होते हैं।

बेल फल सिरप:

गर्मी के दिनों में बेल फ्रूट रस पीने से शरीर का तापमान नियंत्रित रहता है। इसे समर कूलर ड्रिंक भी कहा जाता है। एक बेल फल का गूदा निकाल लें और उसमें दो गिलास पानी डालें। इसके बाद इसमें एक नींबू, चार से पांच पुदीने के पत्ते और इच्छानुसार शक्कर मिलाकर शरबत बना लें और गर्मी के दिनों में इसका सेवन करें। गर्मी से तुरंत राहत मिलेगी।

यहां उपरोक्त गुणों के अलावा भी बेलपत्र में और गुणों की मौजूदगी हो सकती है जो व्यक्ति के स्वास्थ्य को अच्छा बनाने में मदद करती हैं। बेलपत्र को सुधार करने के लिए, आप इसे स्वाद के साथ उपयोग करने के लिए विभिन्न विधियों का उपयोग कर सकते हैं, जैसे कि पत्तों को चबाना, रस निकालना, या पाउडर बनाना। यदि आपको किसी विशेष स्वास्थ्य समस्या के लिए इस्तेमाल करना है, तो पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करना सुनिश्चित करें।


 

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