 Published By:धर्म पुराण डेस्क
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Ganesh Mahotsav 2023: सुख-समृद्धि की कामना संग गणेश महोत्सव शुरू ..
गणेशोत्सव भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से शुरू होकर अनंत चतुर्दशी तिथि के दिन तक चलता है.
गणेश चतुर्थी 2023: गणेशोत्सव भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से शुरू होकर अनंत चतुर्दशी तिथि के दिन तक चलता है। यह हिन्दू धर्म के अनुसार भगवान गणेश की पूजा के रूप में मनाया जाता है और भारत भर में उत्सव के रूप में मनाया जाता है।
गणेश चतुर्थी का महत्व इसलिए है क्योंकि यह भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। गणेश जी को सभी देवों के विघ्नहर्ता और मंगलमूर्ति माना जाता है, और उनकी पूजा से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
गणेश चतुर्थी के दौरान, भक्त भगवान गणेश की मूर्ति को घर पर लाकर पूजा करते हैं। मूर्ति की स्थापना के बाद, विशेष पूजन विधियां और मंत्रों का उच्चारण किया जाता है। फिर, प्रसाद तैयार किया जाता है और भगवान गणेश को चढ़ाया जाता है।
गणेश चतुर्थी के दिन भक्त व्रत करते हैं और अनुष्ठान करते हैं, जिसमें उन्हें गणेश जी के नाम के जप और पूजा का अनुसरण करना होता है। इस दिन भक्तों के घरों में धार्मिक और सामाजिक आयोजन भी किए जाते हैं, जिसमें संगीत, नृत्य, और प्रसाद शामिल होते हैं।
गणेश चतुर्थी के दिन भक्त अपने मन, वचन, और क्रिया से भगवान गणेश की भक्ति करते हैं और उनसे आशीर्वाद मांगते हैं। यह उत्सव भक्तों के लिए आनंद और प्रेम का प्रतीक होता है, और वे इसे बड़े धूमधाम से मनाते हैं।
गणेश चतुर्थी के मौके पर, लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ एक साथ आकर्षक और भव्य प्रकार से गणेश जी की पूजा करते हैं और उनके आशीर्वाद को प्राप्त करते हैं।
यह त्योहार हिन्दू समुदाय के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और भगवान गणेश के बिना किसी कार्य की शुरुआत नहीं की जाती है, क्योंकि वे हर कार्य में शुभ और सफलता की प्राप्ति के प्रतीक माने जाते हैं।
इस दिन को धूमधाम से मनाते हुए, लोग अपने जीवन में खुशी, समृद्धि, और समृद्धि की कामना करते हैं और गणेश जी से अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति की प्रार्थना करते हैं।
यह उत्सव एक बड़े धूमधाम और आनंददायक माहौल में मनाया जाता है, और लोग अपने दिलों की गहराइयों से गणेश चतुर्थी का आनंद लेते हैं। यह समाज के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक त्योहार है जो भक्तों के लिए खुशियों और आशीर्वादों का स्रोत होता है।
इस विशेष त्योहार को साझा करने के लिए लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ आकर्षक पूजा के माध्यम से गणेश जी का स्वागत करते हैं और उनके आशीर्वाद की कामना करते हैं। यह उत्सव भक्तों के लिए आनंद और प्रेम का प्रतीक होता है, और वे इसे बड़े धूमधाम से मनाते हैं।
यह त्योहार हिन्दू समुदाय के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और भगवान गणेश के बिना किसी कार्य की शुरुआत नहीं की जाती है, क्योंकि वे हर कार्य में शुभ और सफलता की प्राप्ति के प्रतीक माने जाते हैं।
इस दिन को धूमधाम से मनाते हुए, लोग अपने जीवन में खुशी, समृद्धि, और समृद्धि की कामना करते हैं और गणेश जी से अपने मनोकामनाओं की पूर्ति की प्रार्थना करते हैं।
गणेश जी मंत्र-
सुखकर्ता दुखहर्ता, वार्ता विघ्नाची,
नूर्वी पूर्वी प्रेम कृपा जयाची,
सर्वांगी सुन्दर उटी शेंदु राची,
कंठी झलके माल मुकताफळांची,
जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति,
दर्शनमात्रे मनःकामना पूर्ति
जय देव जय देव ….
रत्नखचित फरा तुज गौरीकुमरा,
चंदनाची उटी कुमकुम केशरा,
हीरे जडित मुकुट शोभतो बरा,
रुन्झुनती नूपुरे चरनी घागरिया,
जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति
दर्शनमात्रे मनःकामना पूर्ति
जय देव जय देव …
लम्बोदर पीताम्बर फनिवर वंदना,
सरल सोंड वक्रतुंडा त्रिनयना,
दास रामाचा वाट पाहे सदना,
संकटी पावावे निर्वाणी रक्षावे सुरवर वंदना,
जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति,
दर्शनमात्रे मनःकामना पूर्ति,
जय देव जय देव …….
शेंदुर लाल चढायो अच्छा गजमुख को,
दोंदिल लाल बिराजे सूत गौरिहर को,
हाथ लिए गुड़ लड्डू साईं सुरवर को,
महिमा कहे ना जाय लागत हूं पद को,
जय जय जय जय जय …
जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता,
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मत रमता,
जय देव जय देव ….
अष्ट सिद्धि दासी संकट को बैरी,
विघ्न विनाशक मंगल मूरत अधिकारी,
कोटि सूरज प्रकाश ऐसे छबी तेरी,
गंडस्थल मद्मस्तक झूल शशि बहरी
जय जय जय जय जय ….
जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता,
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मत रमता,
जय देव जय देव …
भावभगत से कोई शरणागत आवे,
संतति संपत्ति सबही भरपूर पावे,
ऐसे तुम महाराज मोको अति भावे,
गोसावीनंदन निशिदिन गुण गावे,
जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता,
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मत रमता,
जय देव जय देव .....
 
                                मानव धर्म, सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण पहलू है..!!
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