Published By:धर्म पुराण डेस्क

चमत्कारिक हैं गौरी शंकर और गणेश रुद्राक्ष, जाने इन्हे धारण करने के नियम-मंत्र

गौरीशंकर रुद्राक्ष - 

जब दो रुद्राक्ष प्राकृतिक रूप से आपस में जुड़े होते हैं, तो उन्हें गौरीशंकर रुद्राक्ष कहा जाता है। यह साक्षात शिव-पार्वती का रूप माना जाता है। यह भी बहुत दुर्लभ होता है। इसमें अनेकानेक दिव्य शक्तियां समाहित रहती हैं। 

इसके धारण करने मात्र से ही एक से लेकर चौदह मुखी रुद्राक्ष का पूर्ण फल प्राप्त होता है। जिस स्थान पर यह होता है वहाँ भगवान शिव और माता पार्वती का स्थाई वास होता है और उस स्थान पर कभी धन की कमी नहीं रहती है। इस रुद्राक्ष के प्रभाव से पति-पत्नी में आपसी प्रेम निरन्तर बना रहता है तथा समय पर संतान सुख प्राप्त होता है एवं संतान भी सुयोग्य होती है। 

जिस व्यक्ति को पारिवारिक सुख में कमी हो अथवा संतान बाधा हो अथवा विवाह में किसी भी प्रकार की बाधा आ रही हो तो वह इस रुद्राक्ष को अवश्य धारण करे।

एकमुखी रुद्राक्ष की तरह इस रुद्राक्ष को भी प्रत्येक व्यक्ति धारण कर सकता है। किसी भी व्यक्ति को किसी भी प्रकार का कोई भी कष्ट हो, आर्थिक हानि होती हो. धन की कमी हो, निर्णय क्षमता में कमी हो अर्थात् उचित निर्णय नहीं ले पाता हो तो वह इस रुद्राक्ष को धारण कर सर्वोच्च लाभ प्राप्त कर सकता है। 

किसी महिला के पति यदि उसे प्रेम नहीं करते हो तो वह महिला इसका पूजन कर पति का पूर्ण प्रेम प्राप्त कर सकती है। इसको धारण करने के अतिरिक्त पूजा स्थल में अथवा धन रखने के स्थान पर भी रखा जा सकता है। जिस स्थान पर इस रुद्राक्ष का पूजन होता है वहाँ रहने वालों के मन में प्रेम पूर्ण रूप से समाहित रहता है। 

इस रुद्राक्ष के प्रभाव से पति-पत्नी में आपस में विशेष प्रेम और विश्वास रहता है। जिससे परिवार में शांति बनी रहती है। यदि किसी की जन्मपत्रिका में गुरु ग्रह के कारण कोई समस्या हो तो इस रुद्राक्ष को धारण कर गुरु ग्रह की कृपा प्राप्त की जा सकती है। आर्थिक लाभ प्राप्त होने के साथ-साथ आय में वृद्धि होती है। क्योंकि ज्योतिष में धन के कारक गुरु ग्रह ही हैं। इस रुद्राक्ष का धारण मंत्र श्री गौरी शंकराय नमः है।

गणेश रुद्राक्ष - 

जिस रुद्राक्ष के एक हाथी के सूंढ़ जैसी आकृति निकलती है उसे गणेश रुद्राक्ष कहा जाता है। यह रुद्राक्ष भी बहुत दुर्लभ और अनमोल है। इसको धारण करने से व्यक्ति को रिद्धि-सिद्धि की प्राप्ति होती है तथा उसके जीवन में कभी कोई क्लेश नहीं आता है। उसका जीवन विघ्न रहित होता है। 

यह रुद्राक्ष धारणकर्ता को प्रत्येक क्षेत्र में सफलता दिलवाने के साथ उसे सम्मान की प्राप्ति भी करवाता है। इस रुद्राक्ष को भी प्रत्येक व्यक्ति धारण कर सकता है। इस रुद्राक्ष का धारण मंत्र ॐ गणेशाय ॐ नमः है।
 

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