Published By:धर्म पुराण डेस्क

गीता: वैयक्तिक परमात्मा का संदेश

भगवद गीता एक महत्वपूर्ण भाग्यशास्त्र है, जिसमें आध्यात्मिक ज्ञान और जीवन के मूल मूल्यों का महत्वपूर्ण संदेश दिया गया है। इस ग्रंथ में भगवान का व्यक्तिगत परमात्मा के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका है, जिसका संदेश हमें हमारे जीवन के उद्देश्य और मार्ग के संबंध में देता है।

गीता में भगवान को प्रकृति में स्थित, इस संसार के सृजनकर्ता के रूप में प्रस्तुत किया गया है। वह हम सभी प्राणियों के हृदय में निवास करते हैं और हमारे जीवन को मार्गदर्शन करने के लिए हमारे साथ हमेशा होते हैं। उनका आदर्श हमें इस संसार के साथी और समर्थन के रूप में प्राप्त होता है।

गीता में भगवान को बलियों का आनंद देने वाला और सर्वशक्तिमान बताया गया है। उनकी असीम शक्तियों का हमें समर्थन मिलता है और हम उनके साथ अपने जीवन को सफलता की दिशा में अग्रसर कर सकते हैं।

गीता के सन्देश के अनुसार, हमारे हृदय में भगवान के प्रति भक्ति जताना और पूजा करना महत्वपूर्ण है। हमारी प्रार्थनाओं को वह पूर्ण करते हैं और हमें सच्चे मान्यताओं का मूल स्रोत बताते हैं।

गीता का संदेश है कि हमें अपने जीवन में भगवान के साथ व्यक्तिगत सम्बन्ध स्थापित करना चाहिए और उनके मार्गदर्शन में चलना चाहिए। यह हमें अच्छाई, सत्य, और प्रेम के मार्ग पर अग्रसर होने में मदद करता है, जिससे हमारे जीवन को महत्वपूर्ण और सफल बनाने का मार्ग प्राप्त होता है।

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