Published By:धर्म पुराण डेस्क

दिमाग को दीजिए खुशी का हेल्दी डोज़

दवा है मुस्कुराहट-

मेंटल हेल्थ के क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञ इस बात पर जोर देते रहे हैं कि स्वास्थ्य के लिए किये गए छोटे-छोटे प्रयास भी दिमाग को सकारात्मक रूप से चार्ज रखने में सक्षम हो सकते हैं। 

खासकर वे प्रयास जो मन में आनंद का भाव जगाते हैं। एक छोटी सी मुस्कुराहट भी इसमें शामिल है। किसी भी खुशनुमा चीज को लेकर मुस्कुराहट की मुद्रा में फैले आपके ओठ दिमाग में रासायनिक परिवर्तन कर सकते हैं और आपको खुश महसूस करवा सकते हैं। ऐसे ही कुछ अन्य प्रयासों में शामिल हैं-

रचनात्मक व्यस्तता- 

खुद को संगीत, नृत्य, पेंटिंग या किसी भी अन्य रचनात्मक कार्य में व्यस्त कर लें। शोध बताते हैं कि इन गतिविधियों से कॉग्निटिव हेल्थ को दुरुस्त रखने में मदद तो मिलती ही है, अल्जाइमर्स पीड़ितों को भी यह फिर से संतुलन बनाने में मदद करती है। वयस्कों को 7-8 घंटे की नींद जरूरी है।

मदद कीजिए और जुड़िए-

किसी जरूरतमंद या मुश्किल घड़ी से गुजर रहे व्यक्ति की मदद करने के लिए आगे बढ़ा हाथ आपके स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक साबित होता है। इससे आप न केवल मानसिक सेहत को दुरुस्त रख सकते हैं बल्कि यह आपके तनाव और नकारात्मकता को हटाने में भी मदद कर सकता है। 

इसी तरह नए दोस्त बनाना और ऐसे लोगों से जुड़ना जो आपको भावनात्मक साथ दे सकें, आपको खुश रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

दुआओं को याद रखिए-

अपने शुभचिंतकों से हमेशा जुड़े रहिये। साथ ही उन तमाम यादों को लिखते रहिये जो आपके लिए हंसी-खुशी का कारण बनती हैं। जब दिमागी उलझन के वक्त में आप इन बातों को याद करते हैं तो आपको पॉजिटिव और फोकस्ड रहने में सहायता मिलती है।

भूलिए और माफ कीजिए-

मन में बड़प्पन का भाव नेगेटिव विचारों के साथ ही तनाव और एंग्जायटी से भी दूर रहने में मदद कर सकता है। बुरा करने वालों को माफ करें और आगे बढ़ें। यह जीवन में खुशी से जुड़ने का रास्ता है.

नियमित व्यायाम-

कई रिसर्च इस बात की पुष्टि करती हैं कि जो लोग नियमित रूप से आधा घंटा भी व्यायाम करते हैं उनका मानसिक स्वास्थ्य भी व्यायाम न करने वालों की तुलना में अच्छा रहता है। इससे रक्त संचार सुचारू बना रहता है और दिमाग को भी पर्याप्त ऑक्सीजन मिलती है जो तनाव घटाने में मददगार है। 

यह डिप्रेशन से दूर रखने में भी सहायक होता है। एक्सपर्ट्स के अनुसार रोजाना मात्र 5 मिनट की एक्सरसाइज भी आपके मूड को खुशनुमा बनाने में सहायक हो सकती है। इसी के साथ हफ्ते में एक बार मेडिटेशन या ध्यान, प. जल्स, सुडोकू आदि का अभ्यास भी असमय होने वाली मानसिक समस्याओं से दूर रहने में मदद करेगा। प्रतिदिन आधा घंटे तेज चलना भी लाभदायक हो सकता है।

खुद को महत्व दें-

अपने ऊपर कॉन्फिडेंस रखें। खुद की खूबियों को जानें। यदि आपके भीतर की आवाज़ आपको आपके मूड के बारे में कोई इंडिकेशन देती है तो उस पर गौर करें और इस मूड से बाहर निकलने की कोशिश करें। छोटे छोटे लक्ष्य बनाएं और उन्हें पूरा करने के लिए प्रयासरत रहें। लक्ष्य के करीब उठते अपने हर कदम खुद को शाबासी दें।

विशेषज्ञ की सहायता लें-

यदि आपको लगता है कि आपका मूड पहले जैसा नहीं रहा है या अचानक कुछ समय से आप अधिक गुस्सैल, चिड़चिड़े और बेवजह परेशान हो रहे हैं तो तुरंत किसी विशेषज्ञ या काउंसलर से मिलें। पॉजिटिव लोगों से मिलें और प्रेरणा लें।


 

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