ग्लूकोमा यानी काला मोतिया युवाओं में अब तेजी से अपनी पकड़ बनाता जा रहा है। देशभर के नेत्र रोग विशेषज्ञों में यह स्थिति चिंता का विषय है। यह एक सायलेंट किलर है इसलिए नज़र में जरा-सी भी कमी को नजरअंदाज न करें और तत्काल जांच कराएं।
युवाओं में गंभीर हो रही है ग्लूकोमा की समस्या:
कपिल (32) एक आईटी प्रोफेशनल है जो लगातार अपनी मेहनत के बल पर प्रोफेशन में तरक्की कर रहा है। एक दिन एक्सीडेंटली उसने एक आंख बंद की और दूसरी से देखने का प्रयास किया तो पाया कि उसकी नजर कमजोर हो रही है और एक बड़े हिस्से में उसे दिखाई नहीं दे रहा है।
तत्काल नेत्र रोग विशेषज्ञ से जांच कराई तो मालूम हुआ कि एक आंख में ग्लूकोमा एडवांस स्टेज में है और दूसरी आंख में ग्लूकोमा की शुरुआत हो चुकी है। यह जानकारी किसी की दुनिया तबाह करने के लिए काफी थी। नेत्ररोग विशेषज्ञ ने एक लेजर ट्रीटमेंट देकर एंटी ग्लूकोमा ड्राप शुरू कर दी। कपिल की आंखों में ग्लूकोमा तो बढ़ने से रुक गया और जानकारी मिल जाने पर अब वह नियमित रूप से आंखों की जांचें कराता है।
इन लक्षणों पर रखें नजर:
1. संक्रमण के कारण आंखों में सूजन, जलन और खुजली होती है जिससे बार-बार आंख
मसली जाती है।
2. ऐसा होने पर वे पढ़ना छोड़ देते हैं और दूसरी गतिविधियों में लग जाते हैं।
3. अक्सर सिर दुखता है और किसी भी समय दुखना शुरू हो जाता है।
4. पढ़ा हुआ याद नहीं रहता है।
इनसे बढ़ेगा विटामिन ए:
1. रतालु - रतालु या स्वीट पटैटो को विटामिन ए का बहुत बड़ा स्रोत माना जाता है। इसे रोजाना की डाइट में शामिल करें।
2. धूम्रपान बंद कर दें। इससे शरीर में पोषक तत्व आसानी से घुलने लगेंगे। रक्त नलिकाएं भी चोक होने के साथ-साथ सख्त भी नहीं होंगी।
3. गहरे हरे रंग की पत्तेदार सब्जियां विटामिन ए से भरपूर होती हैं। इन्हें आहार में शामिल करें। गाजर भी विटामिन ए का बड़ा स्रोत माना जाता है।
4. ड्राई फ्रूट्स खाएं जिसमें खुबानी को विशेष रूप से शामिल करें।
5. आम और पपीता भी विटामिन ए की अच्छी खुराक शरीर को प्रदान करते हैं।
निरंतर आपूर्ति होना चाहिए पोषक पदार्थों की:
हमारा शरीर एक सिस्टमैटिक तरीके से काम करता है जिसमें विभिन्न अवयवों को सटीक स्तर पर काम करते रहने के लिए पोषक आहार की निरंतर आपूर्ति मिलनी चाहिए। अंधत्व भी एक ऐसी ही समस्या है जो विटामिन ए के अभाव में पैदा होती है। विटामिन ए आंखों के पिगमेंटेशन के निर्माण के लिए निहायत जरूरी है। पिगमेंट सभी किस्म की दृष्टि के लिए महत्वपूर्ण है। इसमें रात में तथा लो लाइट में देखना भी शामिल है।
लाइफस्टाइल बड़ा कारण है:
युवाओं की लाइफस्टाइल ऐसी है कि उसमें पौष्टिक आहार की गुंजाइश बहुत ही कम है। इसके लिए कई फैक्टर जिम्मेदार हैं। इनमें महत्वपूर्ण हैं-
धूम्रपान- धूम्रपान को विटामिन ए के क्षरण के लिए जिम्मेदार माना जाता है। 18-40 वर्ष के 80 प्रतिशत वयस्क सिगरेट अथवा बीड़ी पीने की लत के शिकार हैं। आईटी उद्योग में काम करने वाले अधिकांश युवा नाइट शिफ्ट करते हैं।
अनायास चाहे जब जमकर शराबखोरी कर लेना भी इसी लाइफस्टाइल में शामिल है। शराबखोरी से विटामिन ए, डी, ई, के और विटामिन बी 12 तेजी से कम हो जाते हैं। इन सभी की कमी का नजर पर सीधा असर पड़ता है।
दिन में एक समय का भोजन न करना तो बहुत आम है लेकिन कई युवा तो दोनों वक्तों का भोजन नहीं करते हैं बल्कि जंक फूड से ही दिन पार कर लेते हैं। इन्हीं आदतों के कारण शरीर में पोषक तत्वों की बहुत कमी हो जाती है।
शिफ्ट चेंज जॉब्स में स्लीपिंग पैटर्न बदल जाता है। इससे शरीर का मेटाबॉलिज्म और एपेटाइट प्रभावित होती है। इसकी वजह से आवश्यक पोषक तत्व शरीर में जज्ब भी नहीं हो पाते हैं।
• आरामतलब जीवन- जंक फूड खाने और शारीरिक गतिविधियों से मुंह चुराने और ठीक से सो नहीं पाने के कारण पोषक तत्वों में भारी कमी हो जाती है।
मानव धर्म, सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण पहलू है..!!
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