Published By:धर्म पुराण डेस्क

बकरी का दूध: आयुर्वेदिक और आर्थिक लाभ

बकरी का दूध, प्राचीन आयुर्वेदिक ग्रंथों में गुणकारी माना गया है। इसके दूध का सेवन न केवल स्वादिष्ट होता है, बल्कि यह विभिन्न रोगों को दूर करने में भी मदद करता है। इसके गुणों को जानकर आप भी हो जाएंगे उसके प्रशंसक।

1. गुणकारी और वनौषधि समृद्ध:

बकरी का दूध एक छागं कषाय, मधुर शीतल और लघु भी होता है। यह ग्राही रोग, रक्तपित्त, अतिसार, क्षय (टीबी), खांसी और ज्वर को दूर करने में मदद करता है।

2. आहार का साथी:

बकरियाँ वनौषधियों को आहार रूप में ग्रहण करती हैं, और इसके दूध में विभिन्न प्रकार की वनौषधियाँ शामिल होती हैं। इसका दूध रोजाना सेवन करने से आपकी सेहत को बेहतर बनाता है।

3. आर्थिक लाभ:

बकरियों का पालन आर्थिक दृष्टि से भी फायदेमंद होता है। उन्हें सस्ता पाला जा सकता है, और वे अधिक जल्दी बच्चा पैदा करती हैं। इसके अलावा, इन्हें खाने के लिए विशेष चूना, चोकर, खल आदि की आवश्यकता नहीं होती, क्योंकि वे पौधों की पत्तियों और घास-फूस से अपना पेट भरती हैं।

4. दूध का महत्व:

बकरी का दूध आयुर्वेदिक और आर्थिक दृष्टि से एक महत्वपूर्ण स्रोत है, जो हमारे स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में और आर्थिक समृद्धि में सहायक हो सकता है।

अगर बकरी के दूध का उत्पादन-व्यवसाय प्रोत्साहित किया जाए, तो यह हमारे स्वास्थ्य और आर्थिक समृद्धि के क्षेत्र में बड़ी मदद कर सकता है।

इसलिए, बकरी के दूध का सेवन करके हम स्वास्थ्य को बनाए रख सकते हैं और आर्थिक सुधार कर सकते हैं। यह एक सजीव उदाहरण है कि हमारे पास प्राकृतिक संसाधन हैं, जो हमारे जीवन को सही दिशा में बदल सकते हैं।

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