ईश्वर-उपासना:
* जीवन का लक्ष्य है ईश्वर की प्राप्ति और उससे संबंधित सकारात्मक क्रियाएं करना।
* रोज के 24 घंटों में से कम-से-कम एक घंटा ईश्वर-उपासना के लिए समर्पित करना चाहिए।
आदर्श दिनचर्या-
प्रातः शौच स्नानादि:
* समझदारी से शौच करने के बाद स्नान करें, भ्रूमध्य में तिलक करें।
पूजा और उपासना:
* प्राणायाम, प्रार्थना, जप-ध्यान, सरस्वती-उपासना, त्राटक, शुभ संकल्प और आरती करें।
* ईश्वर के साथ संवाद में रहने के लिए समय निकालें।
अन्य आदर्श दिनचर्या:
* नियमित रूप से व्यायाम, योगासन और सूर्योपासना करें।
* तुलसी के पत्ते चबाकर पानी पिये, जो सेहत के लिए फायदेमंद है।
* माता-पिता और गुरुजनों को प्रणाम करें।
* हल्का-पौष्टिक नाश्ता करें या दूध (गौदुग्ध) पियें।
* विद्यालय जाकर एकाग्रतापूर्वक पढ़ाई करें।
त्राटक, प्राणायाम, ध्यान, सरस्वती-उपासना, जप:
इन आमलों को नियमित रूप से अपने दिनचर्या में शामिल करें। शौच विज्ञान, ईश्वर-उपासना, और आदर्श दिनचर्या का पालन करना मानव जीवन को सकारात्मक और समर्थ बनाए रखने में मदद कर सकता है।
मानव धर्म, सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण पहलू है..!!
February 24, 2024यदि आपके घर में पैसों की बरकत नहीं है, तो आप गरुड़...
February 17, 2024लाल किताब के उपायों को अपनाकर आप अपने जीवन में सका...
February 17, 2024संस्कृति स्वाभिमान और वैदिक सत्य की पुनर्प्रतिष्ठा...
February 12, 2024आपकी सेवा भगवान को संतुष्ट करती है
February 7, 2024योगानंद जी कहते हैं कि हमें ईश्वर की खोज में लगे र...
February 7, 2024भक्ति को प्राप्त करने के लिए दिन-रात भक्ति के विषय...
February 6, 2024कथावाचक चित्रलेखा जी से जानते हैं कि अगर जीवन में...
February 3, 2024