Published By:धर्म पुराण डेस्क

ईश्वर-उपासना और आदर्श दिनचर्या

ईश्वर-उपासना:

* जीवन का लक्ष्य है ईश्वर की प्राप्ति और उससे संबंधित सकारात्मक क्रियाएं करना।

* रोज के 24 घंटों में से कम-से-कम एक घंटा ईश्वर-उपासना के लिए समर्पित करना चाहिए।

आदर्श दिनचर्या-

प्रातः शौच स्नानादि:

* समझदारी से शौच करने के बाद स्नान करें, भ्रूमध्य में तिलक करें।

पूजा और उपासना:

* प्राणायाम, प्रार्थना, जप-ध्यान, सरस्वती-उपासना, त्राटक, शुभ संकल्प और आरती करें।

* ईश्वर के साथ संवाद में रहने के लिए समय निकालें।

अन्य आदर्श दिनचर्या:

* नियमित रूप से व्यायाम, योगासन और सूर्योपासना करें।

* तुलसी के पत्ते चबाकर पानी पिये, जो सेहत के लिए फायदेमंद है।

* माता-पिता और गुरुजनों को प्रणाम करें।

* हल्का-पौष्टिक नाश्ता करें या दूध (गौदुग्ध) पियें।

* विद्यालय जाकर एकाग्रतापूर्वक पढ़ाई करें।

त्राटक, प्राणायाम, ध्यान, सरस्वती-उपासना, जप:

इन आमलों को नियमित रूप से अपने दिनचर्या में शामिल करें। शौच विज्ञान, ईश्वर-उपासना, और आदर्श दिनचर्या का पालन करना मानव जीवन को सकारात्मक और समर्थ बनाए रखने में मदद कर सकता है।

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