Published By:धर्म पुराण डेस्क

गुप्त नवरात्रि आज से: जानिए गुप्त पूजन की विधि, महत्व और मुहूर्त 

आज से आषाढ़ माह के गुप्त नवरात्र की शुरुआत हो रही है। जिसका समापन 08 जुलाई, शुक्रवार को होगा।

गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा के मंदिरों में विशेष मान्यता और मन्नतों के लिए पूजा की जाती है| गुप्त नवरात्र में आदिशक्ति मां दुर्गा की पूजा गुप्त रूप से की जाती है। 

माना जाता है, कि ऐसा करने से देवी मां प्रसन्न होती है।  इस दौरान मंदिरों और मठों में कलश स्थापना करने के साथ ही लोग व्रत भी रखते हैं और पूजन करने भी पहुंचते हैं। लेकिन कम ही लोग ही इन गुप्त नवरात्र के बारे में जानते हैं ।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार चैत्र और शारदीय नवरात्र के अलावा वर्ष में दो गुप्त नवरात्रि और भी आते हैं। इस दौरान मां आदिशक्ति की विधि-विधान से पूजा की जाती है।

गुप्त नवरात्रि में मुख्य रूप से साधु, तांत्रिक और मां दुर्गा के भक्त  तंत्र मंत्र से अपने मंतव्यों को पूरी करने के लिए शक्ति की उपासना करते हैं।

गुप्त नवरात्रि का मुहूर्त 30 जून को सुबह 10 बजकर 49 मिनट तक रहेगा। इसके साथ ही अभिजीत मुहूर्त 30 जून को सुबह 11 बजकर 57 मिनट से दोपहर 12 बजकर 53 मिनट तक रहेगा।

गुप्त नवरात्र के अवसर पर मैहर स्थित आदिशक्ति पीठ में मां शारदा देवी के मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु देवी दर्शन को आते हैं।

सलकनपुर स्थित विंध्यवासिनी बिजासन माता मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। इस बार भी गुप्त नवरात्रि में लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं के इन दोनों ही शक्तिपीठों में पहुंचने की संभावना है। 

मैहर में गुप्त नवरात्र का विशेष महत्व है। ऐसी मान्यता है कि आल्हा भी गुप्त रूप से मां शारदा की पूजा करते हैं।

पुराणों के अनुसार यहां विशेष रूप से आल्हा मां शारदा की प्रथम पूजा गुप्त रूप से करके जाते हैं, जिसके कई प्रमाण यहां पर मिलते भी हैं। इसलिए गुप्त नवरात्र में मां की गुप्त पूजा करने भक्तों की भीड़ मैहर पहुंचती है।


 

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