Published By:धर्म पुराण डेस्क

गुप्त नवरात्रि 2023: देवी मां की पूजा से मिलेगा हर सुख, जानिये क्या करें क्या नहीं?

दुर्गा देवी के साधकों के पूजन का गुप्त नवरात्र महोत्सव 22 तारीख से शुरू होने जा रहा है। 22 जनवरी से श्रद्धालु गुप्त रूप से मां भगवती की पूजा करेंगे। 22 जनवरी से मां दुर्गा के भक्तों की आराधना का पर्व गुप्त नवरात्रि महोत्सव शुरू होने जा रहा है, जो 30 जनवरी तक चलेगा। इस बार गुप्त नवरात्रि श्रवण नक्षत्र में आ रही है। 

नए साल में मां दुर्गा की पहली पूजा को लेकर भक्तों में खुशी का माहौल है। यह गुप्त नवरात्रि कष्टों के निवारण, सफलता और शत्रु पीड़ा के नाश, भैरव उपासना के रोगों के लिए विशेष रहेगी।

इस बार गुप्त नवरात्रि में 10 महाविद्या तंत्रों की पूजा की जाएगी। इस गुप्त नवरात्रि में मां काली, तिरुपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, मातंगी, छिन्नमस्तिका, त्रिपुरा भैरवी, मां धूमावती और बगलामुखी कमला देवी की पूजा की जाती है। 

श्रवण नक्षत्र में नवरात्रि पर्व की शुरुआत से अदल योग, विदाल योग से सकारात्मक ऊर्जा मिलेगी। गुप्त नवरात्रि आराधना को लेकर कई जगहों पर रविवार को शोभायात्रा निकलेगी। गुप्त नवरात्रि के दौरान पूजा को तांत्रिक सिद्धि का स्वर्ण युग माना जाता है। 

इस दौरान पूजा करने से शत्रुओं से होने वाली पीड़ा दूर होती है। उन्हीं सिद्धियों के लिए मुख्य गणेश पूजा की जाती है। साथ ही इस दौरान सभी तरह के शुभ कार्य भी किए जा सकते हैं।

गुप्त नवरात्रि में मांस, मदिरा, लहसुन और प्याज का सेवन नहीं करना चाहिए। देवी मां खुद एक महिला हैं इसलिए हमेशा महिलाओं का सम्मान करना चाहिए। नारी का सम्मान करने वालों पर मां दुर्गा अपनी कृपा बरसाती हैं। इस दौरान घर में क्लेश, द्वेष या अपमान नहीं होना चाहिए। 

गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा के साथ श्री दुर्गा सप्तशती के अर्गला स्तोत्र का पाठ भी करना चाहिए। इसके पाठ के अनेक लाभ हैं।
 

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