Published By:धर्म पुराण डेस्क

सेहत: इस कंडीशन में आंखों का रंग बदल जाता है, क्या रोशनी भी चली जाती है

कैटरेक्ट क्या है और इसके लक्षण, कारण, और उपचार के बारे में जानने के लिए आप हिंदी में कैटरेक्ट पर एक आर्टिकल पढ़ सकते हैं।

कैटरेक्ट एक आँख की बीमारी है जिसमें आँख के लेंस का क्लाउडिंग हो जाता है, जिससे दृश्य क्लियर नहीं दिखता। इसके मुख्य लक्षण में आँख के रंग का बदलना शामिल हो सकता है, और धीरे-धीरे दृश्य कमजोर होने लगता है।

कैटरेक्ट के कारण उम्र, धूप और सिगरेट के सेवन, या बीमारियों के संक्रमण शामिल हो सकते हैं।

इसका उपचार केवल आरंभिक चरण में नकारात्मक बदलाव के बिना हो सकता है, लेकिन सबसे अच्छा उपचार कैटरेक्ट सर्जरी है, जिसमें कैटरेक्ट को हटाकर एक नया लेंस लगाया जाता है।

मोतियाबिंद: नेत्रहीनता का एक सामान्य कारण ..

मोतियाबिंद, जिसे आमतौर पर 'सफेद मोतिया' भी कहते हैं, आंख की एक आम समस्या है जिसमें आंख के लेंस में होने वाले परिवर्तन के कारण दृष्टि कमजोर हो जाती है। यह आंख की पारदर्शी लेंस के क्लाउडी हो जाने के कारण होता है, जिससे दृश्य को धुंधला दिखाई देता है। जब यह स्थिति बढ़ जाती है, तो दृश्य और भी कमजोर हो जाता है और आखिरकार आंख की पूरी तरह से दृष्टि होने में कठिनाई होती है।

मोतियाबिंद का प्रमुख कारण होता है आंख के लेंस में होने वाले परिवर्तन, जिसका कारण लेंस की पारदर्शिता में कमी होती है। यह कारण हो सकते हैं:

उम्र का बढ़ना: अधिकतर मोतियाबिंद के मामले बढ़ती आयु के साथ होते हैं। यह आमतौर पर 60 वर्ष की आयु के बाद होता है, लेकिन कुछ लोगों में यह पहले भी हो सकता है।

डायबिटीज: डायबिटीज भी मोतियाबिंद के विकास का कारण बन सकता है, खासकर जब डायबिटीज कंट्रोल नहीं किया जाता है।

धूप और अल्ट्रावायलेट किरणों का प्रभाव: अधिक समय तक धूप में रहने और बिना सुरक्षा के सूर्य की अल्ट्रावायलेट किरणों के प्रति एक्सपोजर के कारण भी मोतियाबिंद हो सकता है।

धूम्रपान और शराब: तंबाकू और शराब का सेवन भी मोतियाबिंद के विकास के लिए एक कारण हो सकता है।

आनुवंशिक कारण: कुछ परिवारों में मोतियाबिंद का आनुवंशिक रूप से पास होता है, जिसके कारण यह समस्या पीढ़ियों में प्रजनन हो सकती है।

मोतियाबिंद के लक्षण: मोतियाबिंद के विकास के आदिकाल में, आंखों की दृष्टि प्रभावित नहीं होती है और लक्षण अस्पष्ट हो सकते हैं। हालांकि जब यह समस्या बढ़ती है, तो निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं:

* दृष्टि में धुंधलापन या अस्पष्टता।

* बुजुर्गों में निकट दृष्टि दोष में निरंतर बढ़ोतरी।

* रंगों को देखने की क्षमता में बदलाव क्योंकि लेंस एक फ़िल्टर की तरह काम करता है।

* रात में ड्राइविंग में दिक्कत आना, खासकर सामने से आती गाड़ी की हेडलाइट से।

* दिन के समय दृष्टि में धुंधलापन।

* दोहरी दृष्टि (डबल विज़न)।

* चश्मे के नंबर में अचानक बदलाव आना।

मोतियाबिंद का इलाज: मोतियाबिंद का प्रमुख इलाज सर्जरी होता है, जिसमें क्लाउडी लेंस को निकालकर स्थानिक लेंस के साथ बदल दिया जाता है। यह प्रक्रिया काफी सामान्य है और अक्सर लोगों को अच्छी तरह से दृष्टि की गुणवत्ता को बहाल करने में मदद करती है।

मोतियाबिंद से बचाव के लिए आप निम्नलिखित चीजें कर सकते हैं:

* नियमित रूप से आंखों की जांच कराएं, खासकर उम्र के साथ।

* सूरज की अल्ट्रावायलेट किरणों से बचाव के लिए सनग्लासेस पहनें और धूप में बचाव के लिए हेडगियर या टोपी पहनें।

* डायबिटीज को कंट्रोल करें, यदि आपको है।

* धूम्रपान और शराब का सेवन कम से कम करें।

* अपने वजन को सामान्य बनाएं और स्वस्थ आहार खाएं, जिसमें रंग-बिरंगे फल और सब्जियां शामिल हों।

कृपया ध्यान दें कि मोतियाबिंद के लिए सर्जरी ही मुख्य इलाज है, और इसे केवल डॉक्टर की सलाह पर करना चाहिए। सर्जरी की आवश्यकता कब और कैसे होती है, यह आपके डॉक्टर द्वारा निर्धारित की जाएगी।

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