Published By:धर्म पुराण डेस्क

शनि का राशि फल ..

जन्म कुंडली में शनि का मेषादि राशियों में स्थित होने का फल इस प्रकार है ..

मेष में –

शनि हो तो जातक व्यसन व परिश्रम से तप्त, उग्र स्वभाव का, प्रपंची, निष्ठुर, धनहीन, बन्धु वर्ग का निहंता, कुरूप, क्रोधी, घृणित कार्य करने वाला व निर्धन होता है |

वृष में –

शनि हो तो जातक सेवक, अनुचित भाषी, निर्धन, नीच मित्रों से युक्त, मूढ़, व अधिक कार्यों में तत्पर होता है |

मिथुन में –

शनि हो तो जातक परिश्रमी, अधिक ऋण व बंधन से पीड़ित, कपटी, आलसी, कामी, पाखंडी, धूर्त व दुष्ट स्वभाव का होता है |

कर्क में – 

शनि हो तो जातक बाल्यकाल में अस्वस्थ, पंडित, मातृहीन, सरल,  विशेष कार्य करने वाला, विपरीत स्वभाव वाला, प्रसिद्ध, मध्य अवस्था में राज तुल्य सुख प्राप्त करने वाला, पर बाधक, बन्धु विरोधी, पर भोग से वृद्धि पाने वाला होता है |

सिंह में –

शनि हो तो जातक लिखने –पढ़ने वाला, ज्ञाता, शालीनता से रहित, स्त्री सुख से रहित, भृति जीवी, स्वजनों से हीन, निन्दित कार्य करने वाला, क्रोधी, मनोरथों से भ्रांत, मध्यम शरीरधारी होता है |

कन्या में –

शनि हो तो जातक नपुंसक आकार वाला, शठ, परान्भोजी, अपना कार्य करने को तत्पर, परोपकारी होता है |

तुला में –

शनि हो तो सभा व समुदाय में बड़ा, विदेश भ्रमण से धन व सम्मान प्राप्त करने वाला, सभा समुदाय में ज्येष्ठ, राजा, ज्ञाता, स्वजनों से रक्षित धन वाला व धूर्त स्त्री का भोगी होता है |

वृश्चिक में – 

शनि हो तो जातक द्रोही, अहंकारी, क्रोधी, विष व शस्त्र से आहत, परधन का हरण करने वाला, निन्दित कार्य करने वाला, खर्च व रोगों से पीड़ित होकर कष्ट भोगने वाला होता है|

धनु में –

शनि हो तो जातक अध्ययन –व्यवहारिक शिक्षा में अनुकूल मति वाला, गुणवान पुत्र से युक्त, अपनी शालीनता व धर्माचरण से प्रसिद्ध, अन्त्य अवस्था में अतुल लक्ष्मी का भोग करने वाला, अल्पभाषी, सरल व बहुत नाम वाला होता है |

मकर में – 

शनि हो तो जातक पर स्त्री व स्थान का भोगी, गुणवान, शिल्प ज्ञाता, श्रेष्ठ वंश से पूजित, समुदाय से सम्मानित, स्नान आभूषण स्नेही, क्रिया कला का ज्ञाता, परदेश वासी होता है|

कुम्भ में – 

शनि हो तो जातक झूठा, व्यसनी, धूर्त, दुष्ट मित्र वाला, स्थिर, ज्ञान कथा व स्मृति धर्म से दूर, कटु वक्ता, अनेक कार्यों को आरम्भ करने वाला होता है |

मीन में –

शनि हो तो जातक यज्ञ व शिल्प का प्रेमी, शांत, मित्र व बन्धुओं में प्रधान, नीति का ज्ञाता, धन वृद्धि वाला, धर्म व्यवहार रत, नम्र, गुणवान होता है |

(शनि पर किसी अन्य ग्रह की युति या दृष्टि के प्रभाव से उपरोक्त राशि फल में परिवर्तन भी संभव है)

 

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