ब्रेन एक सॉफ्ट स्पंज जैसा टिश्यू होता है। जो खोपड़ी की हड्डियों के बीच सुरक्षित रखा जाता है। इसमें टिश्यूज की तीन परतें होती है। एक पानी समान तरल पदार्थ टिश्यूज के बीच बहता है।
हमारा ब्रेन ही डिसाइड करता है कि हम चलते फिरते और दौड़ते अथवा कोई काम कर पाते हैं। ब्रेन ही हमारी दृष्टि, सुनने की क्षमता, स्पर्श, गंध और स्वाद का इंचार्ज होता है। हमारी भावनाएं, याददाश्त तथा व्यक्तित्व ब्रेन पर ही निर्भर होते हैं।
एक तेज गति का नेटवर्क है-
हमारे मस्तिष्क में तेज गति से संदेश लाने और ले जाने के लिए एक जटिल नेटवर्क काम करता है। ये संदेश मस्तिष्क से जारी हो कर पूरे शरीर में फैलते है तथा वहां से मस्तिष्क तक वापस आते हैं। मस्तिष्क के तीन महत्वपूर्ण हिस्से विभिन्न गतिविधियों को कंट्रोल करते हैं।
सेरेब्रम-
मस्तिष्क का सेरेब्रम नामक हिस्सा सेसेस से सूचनाएं ग्रहण कर उनका इस्तेमाल करता है। साथ ही हमारे शरीर को प्रतिक्रिया करने के लिए आदेश देता है। इसी हिस्से से रीडिंग, थिंकिंग, लर्निंग, स्पीच और इमोशन कंट्रोल होते हैं।
सेरेब्रम लेफ्ट और राइट अर्धगोलों में विभाजित होता है। राइट साइड का गोला बाई और की मांसपेशियों को कंट्रोल करता है तथा दाईं ओर का गोला लेफ्ट साइड की बॉडी को कंट्रोल करता है।
सेरेबेलम-
सेरेबेलम नामक हिस्सा हमारी चाल, हमारे खड़े होने का अंदाज तथा अन्य जटिल क्रियाकलापों को नियंत्रित करता है।
ब्रेन स्टेम-
ब्रेन स्टेम का काम ब्रेन को स्पाइनल कॉर्ड से कनेक्ट करना है। यह हिस्सा हमारी श्वास प्रश्वास, शरीर का तापमान, ब्लड प्रेशर और अन्य बेसिक शारीरिक क्रियाकलापों को नियंत्रित करता है।
क्यों बनती है मस्तिष्क में गठान-
मस्तिष्क में गठान बनने का प्रमुख कारण है सेल का क्षतिग्रस्त होना। आमतौर पर जब सामान्य सेल बूढ़ा हो जाता है या किसी वजह से क्षतिग्रस्त हो जाता है तो वह मर जाता है। उसके स्थान पर नया सेल आ जाता है।
कभी कभी यह प्रक्रिया विफल हो जाती है और सेल्स एब्नार्मल बिहेव करने लगता है। नया सेल तब भी बनने लगता है जब शरीर को उसकी जरूरत नहीं होती है। यही नया सेल लगातार बनता जाता है और एक स्थान पर इकट्ठा होने लगता है। यही गठान या ट्यूमर कहलाता है।
मानव धर्म, सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण पहलू है..!!
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