Published By:अतुल विनोद

क्यों ज़रूरी है इसी जन्म में हिसाब किताब पूरा करना... P अतुल विनोद

When do you know you are creating a karma or settling a karma? भारतीय सनातन ज्ञान के अनुसार जन्म मृत्यु शाश्वत सत्य है|  मृत्यु के साथ जन्म होना तय है|  जब हमें मरने के बाद फिर जन्म लेना ही है  तो क्यों हम इस जन्म के दुखों को उस जन्म में कैरी फॉरवर्ड करें|  हमारी आदत है कि हम आज की परेशानियों को कल पर टाल देते हैं| https://twitter.com/riya_sparkles/status/1483399352580132864?s=20

हम खुशहाली को तुरंत भोगना चाहते हैं और दुखों को कल भोगने के लिए छोड़ देते हैं| कोई काम जो हमें कठिन नजर आता है हम जितना संभव हो उतना ही आगे बढ़ाते जाते हैं| हमारी आदत कर्मफल को  भोगने में भी सामने आती है|  हमारे सामने मौजूद दुख तकलीफ हमारे कल के कर्म का नतीजा है|  हम कैसे भी करके उन दुख तकलीफों से छुटकारा पाना चाहते हैं|  शॉर्टकट का इस्तेमाल करके, पूजा-पाठ या किसी तरह के उपाय आदि के जरिए हम उन तकलीफों को कुछ समय के लिए टाल भी देते हैं|  

लेकिन जो हमारे हिस्से में आया है उसे हमें भोगना ही होगा चाहे वह सुख हो या दुख|  यदि दुख, चुनौती, तनाव हो तो उसे फेश किया जाए, उसे आज ही सेटल कर लिया जाए, ताकि वह कल फिर खड़ा ना हो| इसी तरह से  इस जीवन के सारे भार को हमें इसी जीवन में उतार देना चाहिए जो इच्छा पूरी नहीं |  हो रही उन्हें पूरी तरह से दिल से निकाल दीजिए यदि ऐसा नहीं किया तो वह इच्छाएं हमारे अंदर स्टोर हो जाएंगी और अगले जन्म में फिर हमें डिस्टर्ब करेंगी| https://twitter.com/KrishnaDharma/status/1484011005445394434?s=20

इसी तरह से रिश्ते नातों के व्यवहार है, उन्हें लेकर हमारी जो जिम्मेदारियां हैं वो हम आज ही पूरी कर दें| किसी का भी कुछ लेकर न जाए, जिससे जो लिया है उसका हिसाब किताब चुकता कर दें ताकि हम पूरी तरह से मुक्त हो जाएँ|  यदि किसी ने हमारा बुरा किया है तो हिसाब किताब निपटाने के लिए उसका भी बुरा करने का विचार छोड़ दें उसकी सजा आपने दी तो फिर आपको उसकी सजा मिलेगी| किसी को दंड देना हमारा काम नहीं| क़ानून सम्मत कदम उठा सकते हैं| https://twitter.com/meAkshatha/status/1484213683697827840?s=20

काम को भी कल की जगह आज ही निपटा दो आज का काम कल पर मत छोड़ो|  अपने आप को हर दिन क्लीन एंड क्लियर करते रहो| सब के अकाउंट सेटल करते रहिये किसी का कुछ बचना नहीं चाहिए|  किसी से बेवजह उधार मत लो किसी का बेवजह एहसान मत लो हो सके तो एक कप चाय भी मुफ्त में ना पियो|  बस सेटलमेंट की आदत डालिए "न जाने किस गली में जिंदगी की शाम हो जाए"   

 

धर्म जगत

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