 Published By:धर्म पुराण डेस्क
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ध्यान के अद्भुद प्रयोग How to Practice Positive Meditation in Simple Steps
ध्यान के अद्भुद प्रयोग How to Practice Positive Meditation in Simple Steps
ध्यान में मन का मंथन होता है| आत्म जिज्ञासा के कारण जो मन का मंथन होता है, उससे ध्यान योग की प्रक्रिया प्रारंभ हो जाती है|
मन की अस्त-व्यस्तता ही मानसिक विकृतियों का कारण होती है| ध्यान द्वारा मन एकाग्र होता है और उसकी चंचलता धीरे धीरे समाप्त हो जाती है| ध्यान के क्षणों में मिलने वाला आत्मिक सुख एवं गहन शक्ति मन की सारी ग्रंथियों को तोड़ देता है और व्यक्ति अपने आप को हल्का फुल्का महसूस करने लगता है|
जीवन परमात्मा का अनमोल उपहार है| यह स्वयं ही इतना दिव्य, पवित्र और परिपूर्ण है कि संसार का कोई भी अभाव इसकी पूर्णता को खण्डित करने में असमर्थ है आवश्यकता यह है कि हम अपने मन का गहराई से अध्ययन कर उसे उत्कृष्टता की दिशा में उन्मुख करें| ईर्ष्या, द्वेष, लोभ एवं अहम् के दोषों से मन को विकृत करने के बजाय अपनी जीवन शैली को बदलकर सेवा, सहकार, सौहार्द्र जैसे गुणों के सहारे मानसिक रोगों से बचा जा सकता है और मानसिक क्षमताओं को विकसित किया जा सकता है|
यदि ध्यान में आपको तुरन्त पूरी सफलता न मिले तो अपना साहस न छोड़े| सफलता में देरी का कारण आपका वर्षों का निषेधात्मक चिन्तन हो सकता है| यह आवश्यक है कि आप नियमित रूप से ध्यान करते रहें| इससे आपके जीवन की दिशा ही बदल जायेगी| ध्यान एक ऐसा शक्तिशाली उपहार है कि इसको केवल पांच मिनट करने से ही घण्टों, दिनों और कभी-कभी वर्षों का निषेधात्मक चिन्तन निरस्त हो जाता है|
इसी क्रम में मैं ५ ध्यान क्रियाएं तथा मानसिक शक्ति की वृद्धि के लिए १० अनमोल उपायों का वर्णन कर रहा हूं, जो ध्यान योग क्रिया में उपयोगी हैं|
मनपसंद ध्यान की क्रियाएं
ऊपर अनन्त आसमान को देखें सोचें किस तरह से अनगिनत तारों से रोशनी लाखों-अरबों सालों चलकर आपकी आंखों तक पहुंच रही है|
एक नदी के बारे में सोच-सोचें कि आपके विचार इस नदी की तरह हैं, जो आपके सिर के ऊपर से गुजरते हैं, थोड़ी देर ऊपर घूमते हैं और बहे चले जाते हैं| उन्हें जाने दें|
एक लम्बी सांस लें| किसी को भी बताने की जरूरत नहीं है, आप सिर्फ सांस ले रहे हैं| अपनी सांसों को गिनें-एक-उसे जाने दें| दुबारा सांस लें दो उसे जाने दें सांस लेते रहिए, गिनते रहिए| ये ही आपकी गोपनीय ध्यान की क्रिया है|
अस्पताल जाइये, बाहर खड़े होइये और खिड़की की तरफ देखिए| अन्दर जो कोई भी हो- एक बच्चा, माता-पिता, वृद्ध आदमी या औरत, प्रार्थना कीजियें कि वह जल्दी स्वस्थ हो जाये| उन्हें आपकी प्रार्थना की आपसे ज्यादा जरूरत है, क्योंकि आप अस्पताल के बाहर की तरफ हैं|
समय से चलें| अपने मन के अंदर झांकें और उस खुशी के पल को याद करें, जिसे आपने बरसों से याद न किया हो| उस पल को याद कर अपने को आश्चर्यचकित करें|
ध्यान कल्प वृक्ष है| इसकी सुखद छांव में जो भी बैठता है, उसकी सभी कामनाएं अपने आप पूरी हो जाती हैं|
इस खुशी के पल को अपनी यादों में जिन्दा रखें, उस पल के रंग, खुशबू को याद करें अपनी प्रत्येक इन्द्रियों का इस्तेमाल करें आप समय के अन्दर होकर आये हैं|
आराम करने के लिए कार्य के बीच समय निकालें| तनाव आपकी (आन्तरिक) आत्मा की आवाज को दबा देता है|
अपने आपको एक शांत वातावरण में देखें, महसूस करें, सांस लें और उसके सपने देखें|
शांत वातावरण को एक गोपनीय स्थान समझ कर उसमें खो जायें|
अपने शांत वातावरण को तलाशिये और उसकी सुंदरता से तृप्त हो जाइये, जिससे आप तुरन्त उसमें से वापिस आ सकें|
एक क्रिस्टल को अपने हृदय के पास रखकर पकड़े-क्रिस्टल मानवीय ऊर्जा को अभिव्यक्त करता है|
इन शब्दों को अपने शांत वातावरण में तीन बार दोहराएं
“मेरा मन ऊर्जा से भरा हुआ है|"
इन शब्दों को अपने शांत वातावरण में तीन बार दोहराएं
"मैं अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लूंगा|"
इन शब्दों को अपने शांत वातावरण में तीन बार दोहराएं
"मैं सफल होऊंगा|"
किसी को भी अपने शांत वातावरण में प्रवेश न करने दें, यह आपका और सिर्फ आपका है|
आप अपने शांत और पवित्र वातावरण में लौटकर अपने लक्ष्य को तब तक दोहराएं, जब तक आपकी मानसिक शक्ति ऊर्जा युक्त होकर चमकने न लगे| इस तरह आप मानसिक शान्ति को पूर्णरूप से प्राप्त कर सकेंगे|
 
                                मानव धर्म, सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण पहलू है..!!
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