हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार हथेली में एक विशेष रेखा बताती है कि व्यक्ति को जीवन में कितना नाम और प्रसिद्धि मिलेगी। जिन लोगों के हाथ में यह रेखा होती है, उनके चरणों में यश और कीर्ति आती है। आइए आज विस्तार से जानते हैं।
हाथ की अनामिका का निचला भाग सूर्य पर्वत का होता है। इस स्थान से कुंडली में सूर्य की स्थिति देखी जाती है। यह स्थान बताता है कि व्यक्ति को जीवन में कितना नाम और शोहरत मिलेगी। इस पर्वत से व्यक्ति के शारीरिक स्वास्थ्य का भी पता लगाया जा सकता है।
मध्यमा अंगुली के नीचे इस पर्वत की ऊंचाई हमेशा शुभ मानी जाती है। ऐसा होने पर व्यक्ति को जीवन में बहुत सम्मान मिलता है। जानकारों के अनुसार यदि इस पर्वत पर सीधी रेखा हो तो बेहतर मात्रा में राज्य सेवा का निर्माण होता है। पर्वत पर दोहरी रेखा किसी व्यक्ति विशेष की प्रगति का संकेत देती है। ऐसे लोग जीवन में उच्चतम ऊंचाइयों तक पहुंचते हैं।
हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार इस पर्वत पर यदि कोई स्थान हो तो व्यक्ति को काफी बदनामी भी मिल सकती है। यदि पर्वत पर भंवर हो तो जीवन में संघर्ष करना पड़ता है। यह स्वास्थ्य समस्याओं के साथ है। इस पर क्रॉस होना भी अच्छा नहीं है। यदि इस पर्वत पर त्रिकोण हो तो जातक की कीर्ति में वृद्धि होती है। जिससे व्यक्ति को अपार नाम और प्रसिद्धि प्राप्त होती है।
यदि हाथ की हथेली पर सूर्य उदय हो रहा हो तो आपको सुबह उठकर अपनी दोनों हथेलियों को देखना चाहिए। मध्यमा अंगुली से सिर पर तिलक लगाएं। अनामिका में तांबे की अंगूठी पहनें। रोज सुबह उठकर गायत्री मंत्र का 108 बार जाप करें।
मानव धर्म, सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण पहलू है..!!
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