Published By:धर्म पुराण डेस्क

हार्ट पेशेंट हैं तो सेक्स ज़रा सोचकर, दिल की बीमारियों में रखें इस बातों का ध्यान

1. हार्ट अटैक के बाद डॉक्टर से परामर्श के अनुसार ही संभोग करना चाहिए। हार्ट अटैक के बाद अन्य कार्य की तरह ही सहवास शुरू करने से पूर्व कुछ जांचें जरूरी है, जिससे शरीर और हृदय की कार्य क्षमता की जानकारी का पता लग सके।

2. हार्ट अटैक के बाद सहवास प्रक्रिया धीरे-धीरे शुरू करना चाहिए, शुरू में साथी के बदन का स्पर्श, चुंबन द्वारा आत्म संतुष्टि प्राप्त करें, फिर धीरे-धीरे सहवास शुरू करें और अंतराल कम करें। बेहतर होगा कि सरल आसन, जैसे बगल में लेटकर सहवासरत होने पर, ऊपर या नीचे होकर सहवास क्रिया करने से हृदय पर अपेक्षाकृत कम बोझ पड़ता है, अपनाएं।

3. हार्ट अटैक, उच्च रक्तचाप के मरीजों द्वारा पत्नी के साथ रति क्रीड़ा में संलग्न होने पर कोई दिक्कत, परेशानी नहीं होती है। इन मरीजों को अजनबी, नए साथी के साथ शारीरिक संबंध नहीं बनाने चाहिए, क्योंकि इन संबंधों के समय अत्यधिक उत्तेजना होने के कारण समस्याएं होने की संभावनाएं ज्यादा होती हैं।

4. इन मरीजों को भोजन के तुरंत बाद सहवासरत नहीं होना चाहिए, क्योंकि भोजन के तुरंत बाद रक्त प्रवाह आंतों में बढ़ जाता है।

5. इन मरीजों को नशे की हालत में, शराब सेवन करके भी मैथुनरत नहीं होना चाहिए। इस समय भी अत्यधिक उत्तेजना होने के कारण गंभीर समस्याएं होने का डर रहता है।

6. एनजाइना, हार्ट अटैक, उच्च रक्तचाप के मरीज यदि थके हैं, मानसिक तनाव ग्रस्त हैं, तो भी सहवास न करें।

7. यदि यौन संबंधों के समय छाती में दर्द होता है, जरूरत से ज्यादा सांस फूलती है, अत्यधिक थक जाते हैं, यदि हृदय गति मैथुन बाद भी 10 मिनट से ज्यादा समय बाद तक तेज बनी रहती है, तो डॉक्टर से परामर्श लें।

8. हृदय रोगी सहवास पूर्व एंजाइना की दवाइयों (एनीसीड/सॉर्बिट्रेट) का सेवन कर सकते हैं। इनके सेवन संभोग के समय हृदय गति और रक्तचाप अपेक्षाकृत कम बढ़ता है।

9. यदि किसी मरीज को इन्द्रिय में तनाव न होने, आधा-अधूरा होने, शीघ्र स्खलन, संतुष्टि या आनंद प्राप्त न होने की समस्याएं हैं, तो बिना शर्म, हिचक चिकित्सक से परामर्श लें। यह समस्याएं चिंता, परेशानी, घबराहट, निराशा, तनाव या दवाओं के कारण हो सकती हैं। यदि नपुंसकता ग्रस्त हैं, तो यौन रोग विशेषज्ञ या मनोरोग चिकित्सक से परामर्श करें, उनकी सलाह पर अमल करें। 

10. हृदय धमनी, उच्च रक्तचाप के मरीजों को यौन-शक्तिवर्धक औषधियों का सेवन नहीं करना चाहिए। सफल यौन संबंध भी मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए अति आवश्यक हैं। संभोग से आत्म संतुष्टि मिलती है, आत्मविश्वास में वृद्धि होती है, मरीज प्रसन्न रहते हैं, मानसिक तनाव दूर होते हैं, जो हृदय धमनी तथा उच्च रक्तचाप के मरीजों में आवश्यक है। वे कुछ सावधानियों का पालन कर सामान्य जीवन व्यतीत कर सकते हैं। 

यहां तक की सामान्य दांपत्य जीवन का सुख उठा सकते हैं। इन मरीजों में अधिकांश सेक्स संबंधी समस्याएं, तनाव, निराशा, चिंता, भय के कारण होती हैं।

यदि सेक्स संबंधी समस्याओं से ग्रस्त हैं, तो शर्म-हिचक न करें, योग्य चिकित्सक से परामर्श करें। उनकी सलाह का पालन कर जीवन सफल बनाएं।

आयुर्वेदाचार्य- जे एल अग्रवाल

धर्म जगत

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