सही निर्णय लेना भी सद्बुद्धि का काम है। यदि सही निर्णय न ले सके और गलत निर्णय को ही सही निर्णय मान कर आचरण करते रहे तो उसका परिणाम गलत ही होगा। यही तो दुर्बुद्धि का लक्षण है कि वह गलत को सही मानती है। और वैसा ही करने को हमें उकसाती रहती है जैसा हमें करना नहीं चाहिए।
मन पर यदि दुर्बुद्धि का प्रभाव रहेगा तो वह तात्कालिक सुख और तृप्ति की बात सोचेगा और यदि सद्बुद्धि का प्रभाव रहेगा तो वह आज के साथ-साथ कल के परिणाम पर भी विचार करेगा और उचित कार्य ही करेगा।
आजकल लोग नाना प्रकार की व्याधियों से ग्रस्त हो रहे हैं कष्ट उठा रहे हैं, दवा और इलाज पर पानी की तरह पैसा बहा रहे हैं फिर भी रोगों से छुटकारा नहीं पा रहे हैं तो इसका कुल कारण इतना ही है कि हम सभी कामों में दिलचस्पी लेते हैं, बड़े बड़े काम करते हैं, बड़ी दौड़ धूप करते हैं पर स्वास्थ्य के विषय में हम लापरवाही करते हैं गलत करते हैं और सही आचरण करने में दिलचस्पी नहीं लेते।
यदि तो इसका कारण यह रहा हो कि आपको स्वास्थ्य-रक्षा के विषय में ऐसी सब बातों की जानकारी न थी तो निरोगधाम ने इस कमी को पूरा कर दिया है और बड़ी खूबी से, ईमानदारी से और आप सब पाठकों के प्रति स्नेह और कल्याणकारी भावना के साथ पूरा किया है।
लोग गलत निर्णय कैसे लेते हैं, लोग बुद्धि का प्रयोग क्यों नहीं करते, दुर्बुद्धि क्या है।
दुर्बुद्धि व्यक्ति गलत को सही मानता है और उसके अनुसार आचरण करता रहता है। यह एक दुष्ट स्वभाव है जो हमें उचित निर्णय लेने से रोकता है और हमारे जीवन को नकारात्मकता और कष्ट से भर देता है। यदि हम दुर्बुद्धि के प्रभाव में रहते हैं, तो हम तात्कालिक आनंद और संतोष के पीछे दौड़ते हैं और हमारे भविष्य के परिणामों को ध्यान में नहीं रखते हैं।
स्वास्थ्य के मामले में, यह सच है कि बहुत से लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही करते हैं और गलत आदतों को अपनाते हैं। यह कई बार उचित खानपान, व्यायाम, नियमित डॉक्टर दौरा और स्वस्थ जीवनशैली की अनदेखी के कारण होता है।
इससे लोग बीमारियों और स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करने के लिए तैयार रहते हैं, जिससे उन्हें दुखी होना पड़ता है और पैसा, समय और संशोधन का उपयोग करना पड़ता है, लेकिन फिर भी वे स्वास्थ्य के लिए वांछित परिणाम नहीं प्राप्त कर पा रहे हैं।
यदि हम स्वास्थ्य-रक्षा के बारे में इस तरह की जानकारी नहीं रखते हैं, तो हम गलत निर्णय ले सकते हैं और अनुचित आचरण कर सकते हैं। लोग इसके कारण विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करते हैं, जो उनके जीवन को प्रभावित कर सकती हैं।
बुद्धि का प्रयोग करने के बजाय दुर्बुद्धि का प्रयोग करने के कारण लोग अक्सर गलत निर्णय लेते हैं। दुर्बुद्धि व्यक्ति संभवतः अपने अहंकार, अज्ञान, भ्रम, और नकारात्मक भावनाओं के प्रभाव में होता है। इसके कारण वह सही और उचित निर्णय लेने की क्षमता खो देता है और गलती करने की प्रवृत्ति बना लेता है।
सद्बुद्धि का प्रयोग करने से हम अपनी स्थिति का विचार करते हैं, संभवानुभवों को ध्यान में रखते हैं, संभावित परिणामों को मूल्यांकन करते हैं, और उचित निर्णय लेने की क्षमता विकसित करते हैं। सद्बुद्धि के प्रभाव में होने से हम संतोष, स्थिरता, और उचित कार्य की ओर गंभीरता से प्रवृत्त होते हैं।
अधिकांश लोग स्वास्थ्य के मामले में सुधार करने के लिए सही निर्णय लेने और सद्बुद्धि का प्रयोग करने की जरूरत समझते हैं। यह जागरूकता और ज्ञान आवश्यक है ताकि हम स्वस्थ और सुखी जीवन जी सकें।
मानव धर्म, सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण पहलू है..!!
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