 Published By:धर्म पुराण डेस्क
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स्वप्न का अपना अलग विज्ञान है सोते समय हम कई तरह के सपने देखते हैं।
स्वप्न विज्ञान कहता है कि यदि हम अच्छे और शुभ स्वप्न देखें तो फिर हमें सोना नहीं चाहिए हमें तुरंत उठ जाना चाहिए क्योंकि शुभ स्वप्न का प्रभाव सोने से नष्ट हो जाता है।
इसी तरह से यदि हम अनिष्ट स्वप्न देखें गलत स्वप्न देखें या डरावने स्वप्न देखें तो हमें सोते रहना चाहिए और बुरे सपनों को उठते ही किसी को बता देना चाहिए इससे उसका प्रभाव नष्ट या कम हो जाता है।
पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य के मुताबिक शुभ एवं मंगलमय स्वप्न देखने के बाद फिर सोना नहीं चाहिए। सोने से उसका प्रभाव नष्ट हो जाता है। अनिष्टकारक स्वप्न देखने के बाद अवश्य सो जाना चाहिए। इससे उसका प्रभाव नष्ट हो जाता है या फिर दुःस्वप्न को प्रातः उठकर किसी को बता देना चाहिए। इससे भी उसका प्रभाव कम होता है, परंतु शुभ स्वप्न की चर्चा नहीं करनी चाहिए। आखिर शुभ एवं अशुभ स्वप्न को कैसे जाना जाए, यह बड़ा रहस्य है; क्योंकि स्वप्न की भाषा सांकेतिक एवं गूढ़ होती है।
इस संदर्भ में कुछ शुभ एवं अशुभ स्वप्न द्रष्टव्य हैं -
घोड़ा या हाथी के रथ में बैठना, मस्तक कटना, जीभ कटना, सफेद वस्तु, कमल, खीर, शरसंधान, नदी, बाग, देवदर्शन, इष्टदर्शन, वीणावादन या गायन, गीला कपड़ा पहनना, ऋतुफलों का दर्शन, बारिश या अग्निकांड, बैल, मनुष्य, पक्षी, हाथी, पर्वत, पितरदर्शन, जलक्रीड़ा, माता-पिता का दर्शन, पेड़ पर चढ़ना, शिवालय, इंद्रधनुष, मुकुट, उल्कापात, नक्षत्र, बिजली, मेघ का स्पर्श, गाय, कस्तूरी, कपूर, चंदन का देखना शुभ माना जाता है।
स्वप्न में गाय दुहना, मित्र-बंधुजन, नीलकंठ, सारस, हाथ में पताका पकड़ना, बेल, हरे वृक्ष की टहनी, शंख, स्वयं की मौत को देखना, मोती, कौड़ी, बाजूबंद, हार, पानी के साथ में मछली को हाथ में लेना, दुर्गा, सरस्वती, शंकर जी, मूँगा, जलाशय, तारे, नागकेसर, मालती, चमेली, नीम, लौंग, केला, अनार, नींबू, नारियल, सुपारी, इलायची, पान, गन्ना, पीतल आदि देखना शुभ एवं मंगलमय होता है। इसके अलावा भी बहुत सारे और भी शुभ स्वप्न हैं।
अशुभ स्वप्नों में सिर मुँड़ाना, नग्न होना, गंदे कपड़े पहनना, तेल लगाना, कीचड़ मारना, ऊपर से गिरना, विवाह, सांप को मारना, लाल फूलों का पेड़, ऊँट, सूअर, गधा, कुत्तों पर बैठना, तेल पीना, खिचड़ी खाना, चिता पर सवार होना, इंद्र की ध्वजा टूटना, देव एवं ब्राह्मण या राजा का क्रोध करना, नाचना, हँसना, वीणा के अतिरिक्त अन्य वाद्य बजाना, नदी में डूबना, दक्षिण की ओर प्रस्थान करना, उल्टी करना, मल विसर्जन, रोग से पीड़ित होना, मकान गिरना, पिशाच, मकान में लगाना आदि झाड़ू अशुभ स्वप्न हैं।
 
 
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