Published By:धर्म पुराण डेस्क

हेल्दी खाना है तो मीठा खाइए

अब इसे पढ़कर शायद आप कुछ देर को असमंजस में यह जाएं। यह भी सोचने लगे कि यह उलटी सलाह कैसी? लोग तो स्वस्थ रहने के लिए मीठा कम करने की सलाह देते हैं और यहां तो उल्टा ही हो रहा है। जानिए क्या है रहस्य इस सलाह के पीछे|

शातिर दिमाग-

पहले के कई शोध इस बात को तो साबित कर ही चुके हैं कि भूख और भोजन की मात्रा दोनों ही चीजों का दिमाग से संबंध होता है। यही कारण है कि जब डॉक्टर या डायटीशियन आपको सही तरीके से डाइटिंग करने की सलाह देते हैं तो वे आपके भोजन को संतुलित रखते हुए, छोटे-छोटे पोर्शन में बांटते हैं। ताकि दिमाग को एक तरह से धोखा दिया जा सके। आप जो भी एक्स्ट्रा भोजन या चटर-पटर खाते हैं वह असल में दिमागी भूख का धोखा होता है। इसलिए यदि अनियंत्रित भूख को काबू में रखना है तो दिमाग को बहलाना जरूरी है।

पहले मीठा खाइए-

हाल ही में यूनिवर्सिटी ऑफ एरिज़ोना के शोधकर्ताओं ने इस संदर्भ में एक रोचक परिणाम पाया। अपने शोध के दौरान उन्होंने पाया कि जिन लोगों ने भोजन की शुरुआत अच्छे गरिष्ठ मीठे से की थी, उन्होंने बाकी भोजन में कम कैलोरी का उपयोग किया। कुल मिलाकर उन लोगों का कैलोरी इंटेक ऐसे लोगों की तुलना में 30 प्रतिशत तक कम रहा जिन्होंने हेल्दी मीठे से शुरुआत की थी। 

शोधकर्ता मानते हैं कि जब कोई व्यक्ति भोजन की शुरुआत में ही अच्छा मीठा खा लेता है तो उसके दिमाग में यह विचार आता है कि वह काफी गरिष्ठ खा चुका है और अब आगे उसे संभलकर खाना चाहिए। 

ऐसे में वह मेन कोर्स में बहुत सोच समझकर हेल्दी भोजन का चुनाव करता है। इसके उलट वह व्यक्ति जो शुरुआत में हेल्दी मीठे को चुनता है। या हेल्दी भोजन ऑर्डर करता है उसे यह लगता है कि उसने तो पहले ही काफी हेल्दी खा लिया और अब वह आराम से गरिष्ठ चीजें खा सकता है। इस विचार के चलते वह बाद में गरिष्ठ भोजन चुनता है और कैलोरी का इंटक काफी बढ़ जाता है। 

आपको कैलोरीज का इंटक संतुलित रखना है और मीठे का आनंद भी लेना है तो भोजन के खत्म होने के बाद नहीं, भोजन की शुरुआत में मीठा खाएं और अच्छा मीठा खाएं, लेकिन हां, केवल मीठे से पेट न भरें|


 

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