Published By:धर्म पुराण डेस्क

कल्पना और निर्माण

कल्पना ही निर्माण का कार्य भी करती है। 

कोई भी आप को समस्या है। कोई भी चीज, कोई भी लक्ष्य आप प्राप्त करना चाहते है। उसे पहले कल्पना में हल करो। प्लानिंग बनाओ। उसके लिए क्या करना होगा। क्या पढ़ना होगा। किस व्यक्ति की मदद लेनी होगी। क्या क्या साधन चाहिए होंगे। यह सब कल्पना करनी चाहिये। 

मन की यह विशेषता है कि यह हर समस्या, हर लक्ष्य प्राप्ति का रास्ता बताता है। 

आप को सकारात्मक विधि अपनानी है। ऐसी विधि अपनानी है जिससे किसी को नुकसान न हो। समाज में दुःख अशांति न बढ़े। किसी को क्रोध दिलाने का कारण ना बने, इससे खुद और दूसरे का भी नुकसान होगा। ईर्ष्या और बदले की भावना से निर्माण नहीं हो सकता।

कल्पना में मन नकारात्मक तरीके भी सुझाएगा। इन नकारात्मक विधियों को नहीं अपनाना। कल्पना में जब आप को लगे यह हो सकता है, यह होकर रहेगा और सोचने मात्र से रोमांच होने लगे तो उस कार्य को धरातल पर लाने के लिए जुट जाओ। किसी भी विरोध की प्रवाह मत करो। 

जिसने भाप से चलने वाला इंजन कल्पना में देखा, उससे दुनिया में क्रांति आई थी। लोग उसे सनकी और पागल कहते थे। वह 15 साल तक कल्पना को साकार करने में जुटा रहा और आखिर में सफल हुआ। 

आप भी कल्पना की उड़ाने भरिए। दूर दृष्टा बनिए। अपने सपनों पर विश्वास कीजिए और उन्हें यथार्थ सिद्व करने के लिये कड़ी मेहनत कीजिए।

आज जो भी आप हैं सिर्फ कल्पना का परिणाम हैं।

जब आप को कल्पना सताने लगे और कल्पना ही परेशान करने लगे  अर्थात सोचे गए लक्ष्य ही दिमाग में घूमते रहे, ध्यान चिड़िया की आँख पर हो पेड़ पर नहीं, तब समझो आप का लक्ष्य पूरा होकर ही रहेगा। 

कल्पना मन की विशेषता है प्रत्येक व्यक्ति हर रोज हर कार्य के लिये कल्पना करता है। आज यह यह खाना बनाएंगे। अमुक मिठाई खाएंगे। अमुक व्यक्ति से मिलेंगे। आज कुछ अच्छा पढ़ेंगे सभी कुछ न कुछ कल्पना हर रोज करते है तभी हम उठ जाते है नहीं तॊ सोए ही रहते। 

कल्पना में हम उन चीजों की तस्वीर बनाते है या उनके बारे सोच पाते है जो नई और दिलचस्प होती है या जिन्हें अभी तक अनुभव नहीं किया है, जिन्हें हम देख नहीं सकते, सूंघ नहीं सकते, छू नहीं सकते, चख नहीं सकते, तब हमारी कल्पना शक्ति काम करती है। 

अगर आप अपने दिमाग में गलत विचार भरेंगे, अनैतिक बातों के बारे में ख्वाब देखेगे, अनैतिक बातो के बारे बात करेंगे तो एक दिन ऐसा आएगा की आप सच में ही अनैतिक काम कर बैठेंगे। 

इसलिए आप अपनी कल्पना शक्ति का इस तरह इस्तेमाल नहीं करेंगे इसके लिए हमें अपने Smart के तरीका को बदलना ही होगा अपने आप में बदलाव लाना ही होगा।

अगर माँ चाहे तो कुछ भी कर सकती हैं इसके लिए माँ को सज्ञान होना बहुत ही जरूरी है।

संतोष भारद्वाज- (Mystic Mentor Coach)

Whatsapp: 9818692589

 

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