Published By:धर्म पुराण डेस्क

जन्म तारीख का महत्व

प्राचीन विद्वानों ने जन्म तारीख से प्राप्त मूल अंक को बहुत महत्व प्रदान किया है। सुप्रसिद्ध ज्योतिष कीरो की भी ऐसी ही मान्यता है। बात ठीक भी है, क्योंकि जन्म तारीख से मूल अंक प्राप्त करना बहुत ही सरल है। इसलिये एक अंक से जीवन के अनेक कार्य प्रभावित होते हैं। जन्म तारीख में कोई परिवर्तन नहीं हो सकता और इसका मूल अंक भी सरलता से प्राप्त किया जा सकता है।

जन्म तारीख से प्राप्त अंक का महत्व इसलिए भी अधिक है कि यह अंक भौतिक समृद्धि के कारणों से जुड़ होता है, जबकि नाम का अंक आध्यात्मिक उपलब्धियों तथा प्रवृत्तियों का संकेत देता है। 

इस संसार में अधिकांश प्राणियों का पहला झुकाव भौतिक सुखों और समृद्धि की ओर ही होता है, आध्यात्मिक प्रवृत्तियां तो प्रौढ़ावस्था के बाद प्रखर होती हैं अथवा हजारों-लाखों में से कोई एक व्यक्ति इस मार्ग पर चलने वाला निकलता है। बहुत-से लोग इस ओर इसलिए भी प्रवृत्त नहीं होते कि यह उनकी समझ से बाहर का विषय होता है।

'जन्म तारीख का महत्व इसलिए भी अधिक है कि जिस समय मनुष्य जन्म लेता है, उस समय ग्रहों की जो स्थिति होती है, उसका प्रभाव उस पर अवश्य पड़ता है। मनुष्य जिन परिस्थितियों में पैदा हुआ है, उसका प्रभाव उस पर अवश्य पड़ता है। 

मनुष्य जिन परिस्थितियों में पैदा हुआ है, उनका उसके जीवन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता, इस बात को कोई भी व्यक्ति मानने को तैयार न होगा। अतः जन्म तारीख के मूल अंक से ग्रहों का ज्ञान सरलता से होने के कारण उस व्यक्ति के संबंध में और भी अधिक निश्चयात्मक निर्णय लिये जा सकते हैं।

जिन ग्रहों का प्रभाव उस पर है, वह कैसा है और जिन गुणों, अवगुणों और वृत्तियों का वह ग्रह द्योतक है, उनके अनुसार व्यक्ति चाहे, तो किसी भी कार्य को आरम्भ करने के लिए दिन आदि का निश्चय सफलतापूर्वक कर सकता है।

यदि कोई व्यक्ति चाहे तो जीवनभर, अर्थात प्रत्येक कार्य में जन्म तारीख के मूल अंक से मार्गदर्शन प्राप्त कर सकता है। विवाह, नौकरी, मकान आदि सभी कार्यों के निश्चय के लिए जन्म तारीख का मूलांक किसी मित्र से भी अधिक सहायक और भाग्यवर्धक सिद्ध होगा।


 

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