 Published By:धर्म पुराण डेस्क
 Published By:धर्म पुराण डेस्क
					 
					
                    
1. अपने बच्चों को सूर्योदय से पूर्व जागने एवं सूर्यास्त के बाद शयन की आदत डालें।
2. बालकों को हमेशा पूर्व दिशा की ओर सिर करके सुलावें।
3. बच्चे जब प्रातःकाल जागे तो 1-2 मिनट भगवान का कीर्तन उनके सामने करें।
4. बच्चों को जागते ही मुंह धोने, जल पीने, शौच जाने एवं बड़ों को नमस्कार करने की आदत डालें।
5. बच्चों को स्नान के पश्चात खेल-कूद, विद्याध्ययन या अन्य ग्रह कार्यों में व्यस्त रखें।
6. यदि बच्चे कुछ चीजों को तोड़-फोड़ दें तो उन्हें डांटे नहीं क्योंकि यह बुद्धि के विकास का समय होता है इस समय अति अंकुश ठीक नहीं।
7. बच्चों को प्रातःकाल पूर्वाभिमुख एवं सायंकाल रात्रि काल में पश्चिमाभिमुख बैठाकर भोजन कराना चाहिये। भोजन करते समय बालक को पालथी मारकर बैठाना चाहिए। इससे ओज की वृद्धि होती है व पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है। बालकों को कम मिर्च-मसाले वाले शुद्ध, स्निग्ध व पौष्टिक भोज्य पदार्थ जिमाने चाहिये।
8. दांत निकलते समय अक्सर बच्चों का स्वास्थ्य बिगड़ता है इसलिए माता-पिता धैर्य से काम लेवें। बच्चों को चावल-मूंग का सुपाच्य भोजन करावें, बिल्कुल भी तेज या गरिष्ठ भोजन ना करावें ।
9. बच्चों की आवश्यकता पूरी हो लेकिन दुराग्रह की पूर्ति कभी ना करें।
10. बच्चों के कपड़े स्वच्छ व ढीले हो कभी भी तंग कपड़े ना पहनावें। इससे रक्त संचरण में बाधा आती है।
11. माता-पिता या बड़े भाई-बहिन छोटे बच्चों को प्रतिदिन बाग-बगीचों, मंदिर या मैदानों में कुछ देर खेलने ले जावे।
12. बच्चों को ज्वरादि हो जावे तो रामरक्षा कवच का झाड़ा देना चाहिये।
13. बालकों के मन में यह बात भर दी जावे कि- भूत-पिशाच निकट नहीं आवे। महावीर जब नाम सुनावे॥
14. बालकों में नियमित पढ़ाई और पढ़ाई को व्यवहार में लाने की प्रवृत्ति डालें।
15. बालकों में कौतूहल अधिक रहता है इसलिए उनकी इच्छाओं का उचित समाधान अवश्य करना चाहिये।
16. अज्ञानता या निर्दयता नहीं दिखानी चाहिए। अपने बच्चों पर परीक्षा का कभी बोझ नहीं डालना चाहिए।
17. बच्चों को शयन कराते समय, उन्हें पेशाब करा लेना चाहिये, हो सके तो हाथ-पैर व मुँह धुलाना चाहिये।
18. बालकों को महीने में एक बार रेचक (अदरक, तुलसी या नींबू का रस) मौसम के अनुसार देना चाहिये। इससे पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है
19. प्रत्येक रविवार को बच्चों को दूध, रोटी व शक्कर मिलाकर या अलग-2 अवश्य खिलावें। इससे मेधा शक्ति बढ़ती है।
20. बालकों को प्रतिमाह मंगलवार व शनिवार को तेल की मालिश विशेषत: शीत ऋतु में करके कुछ देर धूप में लिटाना या बैठाना चाहिये। इससे अस्थियां मजबूत होती है।
21. ईर्ष्यालु स्त्रियों के नजर दोष से बचाने के लिए बच्चों के गले में इष्ट देव मंत्र का ताबीज बांधना चाहिए तथा विशेष अवसरों पर राई व साबुत नमक उसारकर कर अग्नि में डालना चाहिए।
22. भोजन कराते समय बच्चों के हाथ-पैर व मुख धुलाना चाहिये व सिर तथा कपाल को थोड़ा आर्द्र रखना चाहिये। तथा भोजन के बाद बच्चों के नेत्र अवश्य धुलाने चाहिये।
23. बच्चों की पढ़ने की मेज पर बांयी और से प्रकाश की व्यवस्था रखनी चाहिए तथा रीढ़ की हड्डी को सदा सीधी रखकर ही पढ़ने की आदत डालें। झुककर पढ़ने से फेफड़े खराब होने का डर रहता है।
24. बालकों को शिक्षा देने के लिए सरलतम उदाहरणों को लेते हुए, कठिन सूक्ष्म नियमों में प्रवृत्त करना चाहिये।
25. ज्ञानेन्द्रियों की वृद्धि हेतु, प्राकृतिक वस्तुओं के चित्र, गंध व रसों का ज्ञान कराना चाहिये।
 
 
                                मानव धर्म, सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण पहलू है..!!
February 24, 2024 
                                यदि आपके घर में पैसों की बरकत नहीं है, तो आप गरुड़...
February 17, 2024 
                                लाल किताब के उपायों को अपनाकर आप अपने जीवन में सका...
February 17, 2024 
                                संस्कृति स्वाभिमान और वैदिक सत्य की पुनर्प्रतिष्ठा...
February 12, 2024 
                                आपकी सेवा भगवान को संतुष्ट करती है
February 7, 2024 
                                योगानंद जी कहते हैं कि हमें ईश्वर की खोज में लगे र...
February 7, 2024 
                                भक्ति को प्राप्त करने के लिए दिन-रात भक्ति के विषय...
February 6, 2024 
                                कथावाचक चित्रलेखा जी से जानते हैं कि अगर जीवन में...
February 3, 2024 
                                
                                 
                                
                                 
                                
                                 
                                
                                 
                                
                                