निम्नलिखित उपायों को ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन करने से धन और धान्य की प्राप्ति में सहायता मिल सकती है:
दान देना: ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन किसी एक चीज का दान करें, जैसे कि अन्न, वस्त्र, धन आदि। यह दान आपको मां लक्ष्मी के आशीर्वाद और समृद्धि के लिए प्रसन्न कर सकता है।
पूजा और व्रत: ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी की पूजा करें और उन्हें मांगलिक वस्त्र, फूल, दीपक और नैवेद्य सहित अर्चना दें। इसके अलावा, आप ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन उपवास रख सकते हैं और सिर्फ फल और पानी का सेवन कर सकते हैं।
तुलसी पूजा: ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन तुलसी की पूजा करने से धन, स्वास्थ्य और कष्टों से मुक्ति मिल सकती है। तुलसी की पूजा करने के लिए तुलसी प्लांट को सजाएं और पूजा आराधना करें।
ध्यान और मंत्र जाप: ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन ध्यान करें और मंत्रों का जाप करें, जैसे कि "ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः" या "ॐ श्री लक्ष्मी देव्यै नमः"। इससे आपकी मनोकामनाएं पूर्ण हो सकती हैं और धन और समृद्धि में वृद्धि हो सकती है।
कर्ण वैद्य: ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन आप कर्ण वेद्य देने से भी लाभ प्राप्त कर सकते हैं। कर्ण वैद्य के रूप में खाद्य पदार्थ बनाएं और उन्हें दरिद्रों और गरीबों को दान करें।
दीपदान: ज्येष्ठ पूर्णिमा की रात्रि में आप अपने घर के बाहर दीपदान कर सकते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, दीपदान से आपके घर में खुशहाली और धन की प्रवृद्धि हो सकती है।
ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन कुछ उपाय करके आप मां लक्ष्मी को प्रसन्न कर सकते हैं और आपको आशीर्वाद प्राप्त हो सकता है:
श्रीफल दान: ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन श्रीफल (नारियल) का दान करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त हो सकती है। आप एक नारियल ले सकते हैं और उसे अपने चढ़े हुए मंदिर में या पूजा स्थल पर रख सकते हैं।
धन्य दान: ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन धान्य (अन्न) का दान करने से आपको समृद्धि मिल सकती है। आप धान्य की एक छोटी मात्रा किसी गरीब व्यक्ति को दे सकते हैं।
सुपारी दान: ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन सुपारी का दान करने से आपके घर में धन और समृद्धि की वृद्धि हो सकती है। आप सुपारी के दान के लिए किसी मंदिर या धार्मिक स्थान पर जा सकते हैं।
पूजा और अर्चना: ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी की पूजा और अर्चना करें। आप उपासना के लिए लक्ष्मी मंत्र का जाप कर सकते हैं और मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
दीपदान: ज्येष्ठ पूर्णिमा की रात्रि में आप अपने घर के बाहर दीपदान कर सकते हैं। दीपदान से आपके घर में खुशहाली और धन की प्रवृद्धि हो सकती है।
दान: ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन आप किसी एक चीज का दान कर सकते हैं, जैसे कि वस्त्र, खाद्य पदार्थ, आदि। दान करने से आपको पुण्य मिलेगा और आपकी इच्छाएं पूरी हो सकती हैं।
ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन आपको इन 6 में से किसी एक चीज का दान करना होगा, और मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए आपको विशेष लाभ प्राप्त हो सकता है।
सोना (Gold) दान: सोने का दान करने से आपको धन और समृद्धि की प्राप्ति हो सकती है। आप सोने की कोई छोटी मात्रा किसी गरीब व्यक्ति, पुरोहित, या मंदिर में दे सकते हैं।
सफेद वस्त्र (White Cloth) दान: सफेद वस्त्र का दान करने से आपको शुभता और सुख-शांति की प्राप्ति हो सकती है। आप एक सफेद वस्त्र किसी गरीब व्यक्ति को दे सकते हैं या मंदिर में चढ़ा सकते हैं।
चावल (Rice) दान: चावल का दान करने से आपको भोजन, आवास, और आर्थिक सुरक्षा की प्राप्ति हो सकती है। आप चावल की एक छोटी मात्रा किसी गरीब व्यक्ति को दे सकते हैं या मंदिर में चढ़ा सकते हैं।
दूध (Milk) दान: दूध का दान करने से आपको सुख, समृद्धि, और स्वास्थ्य की प्राप्ति हो सकती है। आप दूध को किसी गरीब व्यक्ति को दे सकते हैं या मंदिर में चढ़ा सकते हैं।
चांदी (Silver) दान: चांदी का दान करने से आपको आर्थिक सुरक्षा, संपत्ति, और सुखी परिवार की प्राप्ति हो सकती है। आप चांदी की कोई छोटी मात्रा किसी गरीब व्यक्ति, पुरोहित, या मंदिर में दे सकते हैं।
घी (Ghee) दान: घी का दान करने से आपको सुख, शांति, और आरोग्य की प्राप्ति हो सकती है। आप घी की कोई छोटी मात्रा किसी गरीब व्यक्ति, पुरोहित, या मंदिर में दे सकते हैं।
ज्येष्ठ पूर्णिमा 2023: ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा तिथि विशेष रूप से महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस दिन पुण्यकर्मों का आचरण करने से बहुगुणा फल प्राप्त होता है। इस वर्ष, ज्येष्ठ पूर्णिमा 3 जून, शनिवार को पड़ रही है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस दिन दान-धर्म के साथ-साथ कुछ विशेष चीजों का दान करने और छोटे-छोटे उपायों को आचरण करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और भक्त को आशीर्वाद प्राप्त होता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस वर्ष ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा तिथि 3 जून, शनिवार को सुबह 11 बजकर 16 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन, 4 जून, रविवार को सुबह 09 बजकर 11 मिनट पर इसका समापन होगा। इसलिए, पूर्णिमा का व्रत 3 जून को रखा जाएगा और स्नान-दान 4 जून को किया जाएगा।
ध्यान दें कि ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा तिथि के दिन पूजा-अर्चना के साथ कुछ उपायों का आचरण करने से विशेष लाभ प्राप्त हो सकता है।
मानव धर्म, सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण पहलू है..!!
February 24, 2024यदि आपके घर में पैसों की बरकत नहीं है, तो आप गरुड़...
February 17, 2024लाल किताब के उपायों को अपनाकर आप अपने जीवन में सका...
February 17, 2024संस्कृति स्वाभिमान और वैदिक सत्य की पुनर्प्रतिष्ठा...
February 12, 2024आपकी सेवा भगवान को संतुष्ट करती है
February 7, 2024योगानंद जी कहते हैं कि हमें ईश्वर की खोज में लगे र...
February 7, 2024भक्ति को प्राप्त करने के लिए दिन-रात भक्ति के विषय...
February 6, 2024कथावाचक चित्रलेखा जी से जानते हैं कि अगर जीवन में...
February 3, 2024