Published By:धर्म पुराण डेस्क

कैलाश मंदिर औरंगाबाद, एक रहस्यमय अद्भुत शिल्पकला

कैलाश मंदिर औरंगाबाद, महाराष्ट्र, भारत में स्थित एक अद्भुत शिल्पकला है, जो हिन्दू धरोहर की एक महत्वपूर्ण देवालय है। यह भगवान शिव के प्रसिद्ध विश्वनाथ मंदिर के रूप में जाना जाता है। इस मंदिर का निर्माण राष्ट्रीय विकास संगठन द्वारा किया गया था और इसका शिलान्यास 19 फरवरी, 1978 को हुआ था।

मंदिर का निर्माण और शैली-

कैलाश मंदिर को बुद्धिस्ट विहारों के स्थानीय पत्थर से निर्मित किया गया है, जिससे यह बहुत ही अनोखी शिल्पकला का उदाहरण है। मंदिर का निर्माण करीब 7000 शिल्पकारों ने मिलकर किया था। यह मंदिर एक पहाड़ी के अंदर बना है, जिसके बाहरी और आंतरिक भाग दोनों से खुदाई करके बनाया गया है। मंदिर का आकार लगभग 100 फीट ऊँचा, 225 फीट लंबा और 150 फीट चौड़ा है।

मंदिर की सुंदरता और विशेषता-

कैलाश मंदिर की सुंदरता और विशेषता उसके अद्भुत शिल्पकला, सज्जन संरचना और रूपरेखा में छिपी है। इसे एक संक्षेप में विवरण करना मुश्किल है, क्योंकि इसमें अनेक अद्भुत और चित्रसूख्य भव्यता छिपी हुई है। मंदिर के भीतर संकीर्ण गलियों, सज्जन गुमटियों, विभिन्न भव्य प्रतिमाएँ, और बृहद नागर संरचना देखने लायक है।

मंदिर का धार्मिक महत्व- 

कैलाश मंदिर भगवान शिव के प्रसिद्ध विश्वनाथ मंदिर के रूप में महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। यहां विश्वनाथ मंदिर के अलावा माता पार्वती, गणेश, कार्तिकेय, सूर्य और चंद्रमा के मूर्तियां भी स्थापित हैं। इस मंदिर को भगवान शिव के भव्य रूप के लिए जाना जाता है, जो इसकी विशेषता और प्राकृतिक सौंदर्य को और भी बढ़ाता है।

यात्रियों के लिए आसान पहुंच- 

कैलाश मंदिर औरंगाबाद विश्वनाथ मंदिर से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां पहुंचने के लिए आप टैक्सी, बस या अपने व्यक्तिगत वाहन का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। धार्मिक और आध्यात्मिक यात्रियों के लिए यह स्थान एक महत्वपूर्ण स्थल है जो अपने अद्भुत शिल्पकला और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है।

कैलाश मंदिर औरंगाबाद- 

हिन्दू धरोहर के एक महत्वपूर्ण देवालय के रूप में भारत में अपनी विशेषता और सुंदरता के लिए जाना जाता है। इसका निर्माण भगवान शिव के प्रसिद्ध विश्वनाथ मंदिर के रूप में हुआ था और यहां भगवान शिव के भव्य रूप का आनंद लिया जाता है। इसके अद्भुत शिल्पकला और धार्मिक महत्व ने इसे एक धार्मिक स्थल के रूप में मशहूर किया है जिसे यात्रियों द्वारा धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखा जाता है।

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