 Published By:धर्म पुराण डेस्क
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1. यह महान पिरामिड लगभग 2600 ईसा पूर्व बनाया गया है, जो कि 137 मीटर ऊंचा है। इसको लगभग 23,00,000 चूने के पत्थरों से बनाया गया है और उसके ऊपर इसे सफेद चूने से प्लास्टर किया गया। यह प्लास्टर क्षरण के कारण निकल गया है। जो कि अब पिरामिड के थोड़े ही भाग पर मौजूद है।
2. इस पिरामिड के अंदर जाने का रास्ता जमीन से 15 मीटर ऊपर है, किंतु आजकल सैलानियों के लिए अंदर जाने का रास्ता थोड़ा नीचे करके बनाया गया है।
3. प्रवेश द्वार से एक ढलवां गलियारे में नीचे जाना होता है जहां पर पिरामिड में राजा को दफनाने के लिए कमरा बनाया गया है। पर यह पूरी तरह से निर्मित नहीं हो सका इस कारण राजा को यहां दफनाया नहीं गया। इसके बाद दूसरी ओर ढलवां गलियारे में ऊपर की ओर जाएं तो हम वहां एक और कमरा मिलता है जिसे क्दीन चैम्बर कहा जाता है। यहां पर भी रानी के शव को नहीं दफनाया गया।
इसके बाद ऊपर चलने पर एक बहुत आश्चर्यजनक भव्य गलियारा है। जो पिरामिड के मध्य तक जाता है जहां पर राजा खुनु की ममी को रखा गया था। इसे किग चैम्बर कहा जाता है। इसके अंदर लाल ग्रेनाइट पत्थर से बना ताबूत रखा गया है। अब यहां भी खुफ की ममी नहीं है पर उसका नाम कमरे की छत पर लिखा हुआ है।
4. इस पिरामिड में दो एयर शाफ्ट हैं। इन एयर शाफ्टों को क्यों बनाया गया, इसके बारे में कोई जानकारी नहीं मिलती है और यह इतनी छोटी है कि इसके अंदर कोई आया जा नहीं सकता है। इसके निरीक्षण के लिए 1993 में एक रोबोट अंदर भेजा गया जो कि आज ब्रिटिश म्यूजियम में रखा हुआ है।
5. इस पिरामिड के पास तीन छोटे पिरामिड हैं जिन्हें सैटेलाइट पिरामिड कहा जाता है। जो कि राजा खुनु के परिवार की महिलाओं के हैं। पिरामिड विशेषज्ञों का मत है कि तीनों पिरामिडों में से एक उसकी बहन, दूसरा उसकी पत्नी और तीसरा उसकी मां के लिए बनाया गया था।
कुलदीप सलूजा
 
 
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