Published By:धर्म पुराण डेस्क

जानिए, स्वतंत्र नर्वस सिस्टम और मेरुदण्ड

मेरुदण्ड और स्वतंत्र नर्वस सिस्टम शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यहां इसके बारे में और विस्तृत जानकारी है:

मेरुदण्ड और नाड़ियाँ:

मेरुदण्ड को योग और आयुर्वेद में शक्ति का स्तंभ माना जाता है। इसमें चक्रों की स्थिति और प्राण शक्ति का संचार किया जाता है।

इसमें तीन मुख्य नाड़ियां होती हैं: इड़ा (चंद्रनाड़ी), पिंगला (सूर्यनाड़ी), और सुषुम्ना। इनमें से सुषुम्ना मेरुदण्ड के केंद्र में होती है और यह ऊर्जा को चक्रों में संचारित करती है।

योग में, इन नाड़ियों को शुद्ध रखने के लिए आसन और प्राणायाम का अभ्यास किया जाता है।

स्वतंत्र नर्वस सिस्टम:

* स्वतंत्र नर्वस सिस्टम को स्वेच्छा से नहीं नियंत्रित किया जा सकता है और यह बिना हमारे जागरूक अंश के किए बिना काम करता है।

* इसमें संपर्क के साथ जुड़े अनेक क्रियाएं शामिल हैं, जैसे कि दिल की धड़कन, श्वास-प्रश्वास, और पाचन प्रक्रिया।

* इसमें स्यम् पाथेटिक और पैरास्यम् पाथेटिक शाखाएं होती हैं, जो शरीर की विभिन्न क्रियाओं को नियंत्रित करती हैं।

मेरुदण्ड और योग:

* योग में, मेरुदंड को शक्ति का केंद्र माना जाता है जिसमें प्राणशक्ति संचारित होती है।

* कुण्डलिनी शक्ति को मेरुदंड के माध्यम से जागरूक किया जाता है, जिससे योगी अपनी ऊर्जा को ऊपरी चक्रों में ले जाता है।

स्वतंत्र नर्वस सिस्टम और तंत्रिका:

* स्वतंत्र नर्वस सिस्टम के अंतर्गत तंत्रिका नाड़ी समृद्धि को संचारित करती है, जिससे शरीर की संतुलन क्रियाएं बनी रहती हैं।

* तंत्रिका नाड़ी का सुषुम्ना के साथ संबंध है, और इसके माध्यम से ऊर्जा का संचार किया जाता है।

इस प्रकार, मेरुदण्ड, नाड़ियाँ, स्वतंत्र नर्वस सिस्टम, और तंत्रिका नाड़ी एक संबंधित तंत्र हैं जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के संरक्षण और सुधार में मदद कर सकते हैं।

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