1. आध्यात्मिक परंपरा और राजनीति:
मलेशिया में भारतीय संस्कृति का प्रभाव धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से भी दिखाई देता है। प्रधानमंत्री या कैबिनेट मंत्री शपथ लेते समय "उरुसान सेरी पादुका बेगिन्दा" अर्थात 'श्री राम के पादुका की आज्ञा से...' इस वाक्य का उपयोग करते हैं, जिससे साफ होता है कि धार्मिक भावनाएं और हिन्दू धरोहर मलेशियाई राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
2. भारतीय संस्कृति के प्रति श्रद्धा:
मलेशियाई सुल्तान और उनके प्रशासनिक अधिकारी भारतीय संस्कृति के प्रति गहरी श्रद्धा रखते हैं। उन्होंने अपने भक्तों को भगवान राम के पादुकाओं की महत्वपूर्णता को समझाया है और यह साबित करते हैं कि भारतीय संस्कृति उनके दिलों में गहराई से बसी है।
3. हिन्दू प्रतिभा के दर्शन:
मलेशिया में हिन्दू प्रतिभा के दर्शन भी किए जाते हैं, जिसे "हिकायत सेरी रामा" कहा जाता है। इसका संपादन 13वीं शताब्दी में हुआ था और इसे वहां के विश्वविद्यालयों में साहित्य के रूप में पढ़ाया जाता है।
4. संस्कृत शब्दों का प्रयोग:
मलय भाषा में कई शब्द संस्कृत तथा तमिल मूल के हैं, जो संस्कृत के सांस्कृतिक परिधान से उत्तेजना देते हैं।
5. राजनीतिक पदों के नाम:
मलेशिया में सुल्तान को "राजा परमेश्वरा" और रानी को "राजा परमेश्वरी" कहा जाता है, जो भारतीय संस्कृति के सांस्कृतिक अंशों को दिखाता है।
6. भरतनाट्यम कला का प्रचार:
मलेशिया में भरतनाट्यम कला को बढ़ावा देने के लिए कई कलाकार यहां मूल से हैं और इसका प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।
7. भारतीय भोजन और वस्त्र धारण:
मलेशियाई राजा और प्रधानमंत्री भारतीय भोजन और परंपरागत वस्त्र पहनने में रुचि रखते हैं, जो भारतीय संस्कृति के सांस्कृतिक अंशों का प्रतीक है।
8. शिक्षा और भाषा:
मलेशिया में हिन्दी भाषा के पठन-पाठन का प्रचार-प्रसार हो रहा है, जिससे यहां के लोग भारतीय भाषा और साहित्य के साथ परिचित हो रहे हैं।
इससे साबित होता है कि मलेशिया में भारतीय संस्कृति का प्रभाव विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण रूप से महसूस होता है और यहां के लोग इसे गर्व से अपना रहे हैं।
मानव धर्म, सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण पहलू है..!!
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