ये असली चार धाम हैं:
1. बद्रीनाथ
2. पुरी
3. रामेश्वरम
4. द्वारका
यदि हम भारत के सबसे पहले धाम की बात करें, तो आपको बता दें कि बद्रीनाथ इन चार धामों की गिनती में सबसे पहला धाम है। इसके बाद अन्य तीन धामों की स्थापना की गई।
चारधाम यात्रा क्यों निकाली जाती है, कैसे निकाली जाती है, कब निकाली जाती है?
चार धाम (Char Dham) यात्रा हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण मानी जाती है और इसका आयोजन भारत के चार पवित्र तीर्थस्थलों के दर्शन के लिए किया जाता है। यह यात्रा प्रायः उत्तराखंड राज्य में स्थित चार तीर्थस्थलों - बद्रीनाथ, केदारनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री - के दर्शन को सम्मिलित करती है। यह यात्रा हिमालय क्षेत्र में प्राकृतिक सौंदर्य और आध्यात्मिक महत्व के कारण बहुत प्रसिद्ध है।
यह धार्मिक यात्रा हर साल चार मास में नियमित रूप से आयोजित की जाती है।
बद्रीनाथ: यह धाम उत्तराखंड राज्य के चमोली जिले में स्थित है। यह धाम भगवान विष्णु के चौथे अवतार, बद्रीनाथ के नाम से प्रसिद्ध है। यहां पर्यटक बद्रीनाथ मंदिर में देवी माता लक्ष्मी की प्रतिमा के दर्शन कर सकते हैं।
केदारनाथ: यह धाम गर्मुक्तेश्वर श्रीनगर जिले में स्थित है। यह धाम भगवान शिव को समर्पित है और उनकी विशेष प्रतिमा के दर्शन करने के लिए प्रसिद्ध है। केदारनाथ धाम हिमालय की ऊंचाइयों में स्थित होने के कारण यह यात्रा आध्यात्मिकता के साथ-साथ प्राकृतिक सौंदर्य का भी आनंद दिलाती है।
यमुनोत्री: यह धाम उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी जिले में स्थित है। यह धाम यमुना नदी के उद्गम स्थल पर स्थित है और भगवान यमराज को समर्पित है। यहां पर्यटक यमुनोत्री मंदिर में भगवान यमराज की प्रतिमा के दर्शन कर सकते हैं।
गंगोत्री: यह धाम उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी जिले में स्थित है। यह धाम गंगा नदी के उद्गम स्थल पर स्थित है और भगवान विष्णु को समर्पित है। यहां पर्यटक गंगोत्री मंदिर में भगवान विष्णु की प्रतिमा के दर्शन कर सकते हैं।
चार धाम यात्रा विशेष रूप से मई और जून के महीनों में आयोजित की जाती है। यात्रा का आरंभ हरिद्वार से होता है और इसके बाद यात्रियों को बद्रीनाथ, केदारनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री तक पहुंचना होता है।
यात्रा का मुख्य उद्देश्य तीर्थस्थलों के दर्शन करना, पूजा-अर्चना करना, आध्यात्मिकता का आनंद लेना, और मोक्ष की प्राप्ति के लिए धार्मिक और आध्यात्मिक कार्यों को सम्पन्न करना होता है।
चार धाम यात्रा 2023 का आयोजन करने के लिए आपको निम्नलिखित दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा:
दस्तावेज़: चार धाम यात्रा के दौरान, आपके पास यात्रा से संबंधित आवश्यक दस्तावेज होने चाहिए। इसमें आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी कार्ड शामिल हो सकते हैं। इसके अलावा, यात्रा प्राधिकारियों या पुलिस अधिकारियों को अपने दस्तावेज दिखाना भी आवश्यक हो सकता है।
तैयारी: यात्रा से पहले, आपको अपनी शारीरिक और मानसिक तैयारी करनी चाहिए। चार धाम यात्रा में ट्रैकिंग करना होता है और यहां की ऊंचाई लगभग 14,000 फीट होती है, इसलिए आपको शारीरिक रूप से फिट रहना चाहिए। यात्रा से पहले कम से कम एक महीने पहले व्यायाम शुरू करें और अपनी स्थायित्व क्षमता को बढ़ाने के लिए गोलियों का उपयोग करें।
मानव धर्म, सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण पहलू है..!!
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