 Published By:धर्म पुराण डेस्क
 Published By:धर्म पुराण डेस्क
					 
					
                    
आत्मा का संबंध शरीर और ब्रह्म से होता है, और इस संबंध को जोड़ने का एक अद्वितीय और आध्यात्मिक मार्ग कुण्डलिनी शक्ति द्वारा हो सकता है।
कुण्डलिनी शक्ति एक अद्भुत ऊर्जा है जो मौद्रिक क्रियाओं के माध्यम से जागृत हो सकती है और आत्मा को अद्वितीयता की अनुभूति में ले जा सकती है।
कुण्डलिनी शक्ति का विवेचन:
कुण्डलिनी शक्ति एक अंतर्निहित ऊर्जा है जो मूलाधार चक्र से शुरू होकर सहस्रार चक्र तक बढ़ती है। इस शक्ति को जागृत करने के लिए योग और तंत्र की अभ्यास शैली में काम किया जाता है। जब कुंडलिनी जागरूक होती है, तो व्यक्ति आत्मा के साथ एक हो जाता है और अद्वितीयता का अनुभव होता है।
आत्म समर्पण का महत्व:
आत्म समर्पण उस प्रक्रिया को कहता है जिसमें व्यक्ति अपने स्वार्थ को परमार्थ में जोड़ता है। शारीरिक और मानसिक वासनाएं आत्मिक उन्नति में परिणामित होकर व्यक्ति को अद्वितीयता की ओर ले जाती हैं। यह एक अद्वितीय अनुभव है जिसमें व्यक्ति अपनी आत्मा को ब्रह्म के साथ एक महत्वपूर्ण संबंध में अनुभव करता है।
कुण्डलिनी साधना का मार्ग:
कुण्डलिनी साधना का मार्ग योग और तंत्र है। ध्यान, प्राणायाम, और मंत्र जप के माध्यम से योगी अपनी ऊर्जा को जागृत करता है और कुंडलिनी को शक्तिशाली रूप में उत्तेजित करता है। तंत्र साधना में ब्रह्मचर्य और ध्यान की अभ्यास शैली में काम किया जाता है।
आत्मा का समर्पण:
आत्मा का समर्पण यह दिखाता है कि व्यक्ति अपने स्वार्थ को छोड़कर परमार्थ की दिशा में बढ़ रहा है। यह साधक को अद्वितीयता की स्थिति में ले जाता है जहां वह आत्मा के साथ एक होता है और ब्रह्म की अद्वितीयता का अनुभव करता है।
इस प्रकार, कुण्डलिनी शक्ति और आत्म समर्पण का यह साधना मार्ग व्यक्ति को अद्वितीयता और आत्मा के साथ एक में जोड़कर उच्चतम आनंद और सामर्थ्य की प्राप्ति की दिशा में बढ़ाता है।
 
                                मानव धर्म, सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण पहलू है..!!
February 24, 2024 
                                यदि आपके घर में पैसों की बरकत नहीं है, तो आप गरुड़...
February 17, 2024 
                                लाल किताब के उपायों को अपनाकर आप अपने जीवन में सका...
February 17, 2024 
                                संस्कृति स्वाभिमान और वैदिक सत्य की पुनर्प्रतिष्ठा...
February 12, 2024 
                                आपकी सेवा भगवान को संतुष्ट करती है
February 7, 2024 
                                योगानंद जी कहते हैं कि हमें ईश्वर की खोज में लगे र...
February 7, 2024 
                                भक्ति को प्राप्त करने के लिए दिन-रात भक्ति के विषय...
February 6, 2024 
                                कथावाचक चित्रलेखा जी से जानते हैं कि अगर जीवन में...
February 3, 2024 
                                
                                 
                                
                                 
                                
                                 
                                
                                 
                                
                                