सीधी रीढ़ करके चलना सिर्फ आपकी पर्सनैलिटी को ही नहीं दर्शाता है बल्कि यह आपको शारीरिक समस्याओं से भी बचाता है। वोम गुरु से जानें कैसे इसे रखें मजबूत।
वोम गुरु ने कई तरह के योगासन और प्राकृतिक उपाय बताए हैं जो रीढ़ की हड्डी संबंधी समस्याओं से निजात पाने में मदद कर सकते हैं। ये उपाय शारीरिक समस्याओं को ठीक करने में मदद करते हैं और रीढ़ की हड्डी को मजबूत और सुस्त से दूर रखने में मदद कर सकते हैं।
कुछ रीढ़ की हड्डी संबंधी समस्याओं के लिए निम्नलिखित योगासन और उपाय लाभदायक सिद्ध हो सकते हैं:
भुजंगासन (Cobra Pose): इस आसन को करने से रीढ़ की हड्डी को मजबूती मिलती है और संबंधित समस्याएं कम हो सकती हैं।
मार्जरी आसन (Cat-Cow Pose): इस आसन को करने से पीठ की मांसपेशियों को विकसित किया जा सकता है जिससे रीढ़ की हड्डी को लाभ होता है।
बालासन (Child's Pose): इस आसन में बैठकर रीढ़ की हड्डी को आराम मिलता है और इससे राहत मिलती है।
उत्तानपादासन (Raised Leg Pose): इस आसन को करने से पीठ और रीढ़ की हड्डी को लाभ हो सकता है।
पवनमुक्तासन (Wind-Relieving Pose): इस आसन में रीढ़ की हड्डी को आराम मिलता है और इससे पेट संबंधी समस्याएं भी कम हो सकती हैं।
इन योगासनों को नियमित रूप से करने से आपकी रीढ़ की हड्डी संबंधी समस्याएं कम हो सकती हैं और आपको शारीरिक समस्याओं से राहत मिल सकती है। कृपया ध्यान दें कि यदि आपकी समस्या गंभीर है और योगासनों और उपायों से राहत नहीं मिल रही है, तो आपको अपने नजदीकी योग गुरु या चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए।
रीढ़ की हड्डी संबंधी समस्याएं स्पाइन प्रॉब्लम भी कहलाती हैं और ये बहुत सारे लोगों को प्रभावित करती हैं। रीढ़ की हड्डी या स्पाइन (Spine) शरीर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसमें कई छोटे-बड़े हड्डियां, कोशिकाएं, और संधियाँ होती हैं। रीढ़ की हड्डी की समस्याएं कई तरह की हो सकती हैं और निम्नलिखित कुछ सामान्य समस्याएं हैं:
दर्द या दिक्कत: पीठ के ऊपरी, निचले हिस्से, या रीढ़ की हड्डी के किसी भी भाग में दर्द या दिक्कत की समस्या हो सकती है। ये बाधा देने वाली हड्डी की समस्या, डिस्क प्रॉब्लम, स्पाइनल स्टेनोसिस, या स्पाइनल ऑस्टियोपोरोसिस से जुड़ी हो सकती है।
स्कोलियोसिस: यह हैरियल डिफॉर्मिटी (सांप्रदायिक रूप से तोती) के कारण हो सकती है जिसमें रीढ़ की हड्डी सिडी जाती है।
कमर दर्द: बैठते रहने की आदत, गलत पोस्चर, या मस्तिष्क से जुड़ी कोई और समस्या के कारण भी कमर में दर्द हो सकता है।
हर्नियेटेड डिस्क: रीढ़ की हड्डी के बीच की चिपकने वाली पट्टियों (डिस्क) में चीर या फट जाने से हर्नियेटेड डिस्क की समस्या हो सकती है।
स्पाइनल इन्फेक्शन: रीढ़ की हड्डी के इन्फेक्शन से भी दर्द और समस्याएं हो सकती हैं।
स्लिप डिस्क: डिस्क का चिपकना और फट जाना स्पाइनल कॉर्ड के निश्चल होने में समस्या पैदा करता है।
इन समस्याओं का समय रहते पहचाना और इलाज कराना जरूरी है। यदि आपको रीढ़ की हड्डी से संबंधित किसी भी समस्या का सामना है, तो आपको नेत्र विशेषज्ञ या स्पाइन स्पेशलिस्ट से मिलने और सलाह लेने की सलाह दी जाती है। वे आपके रोग का पूरा परीक्षण करेंगे और सही उपचार या दवा बताएंगे।
इन समस्याओं को अग्रसर करने के लिए निम्नलिखित कुछ सावधानियों का पालन कर सकते हैं:
सही पोस्चर: सही पोस्चर रखना रीढ़ की हड्डी की समस्याओं से बचने में मदद कर सकता है।
व्यायाम: स्पेशलिस्ट की सलाह पर व्यायाम करना रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाए रखने में मदद कर सकता है।
सही विश्राम: सही विश्राम लेना भी आपके स्पाइन के लिए फायदेमंद हो सकता है।
बढ़ती उम्र का ध्यान रखें: ज्यादातर रीढ़ की हड्डी समस्याएं उम्र बढ़ने पर हो सकती हैं, इसलिए वृद्धि वयांग के बारे में भी चिंता करें।
मानव धर्म, सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण पहलू है..!!
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