 Published By:धर्म पुराण डेस्क
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जीवन को संपूर्णता से जीने के लिए सिर्फ पृथ्वी पर मौजूद जीवन को समझना पर्याप्त नहीं है। महाजीवन को समझने के लिए ब्रह्मांड के अनंत कोनों में मौजूद जीवन को समझना होगा।
पृथ्वी, हमारे निकटम ग्रह, केवल एक छोटा सा हिस्सा है ब्रह्मांड का। मनुष्य को अपने चरित्रित ब्रह्मांड में स्थान देखने की प्रवृत्ति ने हमें इस बड़े और अद्वितीय जीवन की ओर मोड़ने का संकेत किया है।
पृथ्वी जैसे अनंत ग्रह पर मौजूद जीवन की उपस्थिति के रहस्य को समझ कर ही मानव जीवन को सार्थक किया जा सकता है।
ब्रह्मांड की अनगिनत क्षितिजों में हर एक कोने में जीवन का अनोखा सांग है। नक्षत्रों की राहों में, अन्धकारी गलियों में, और शून्य के अंधकार में भी जीवन की धारा बहती है। ब्रह्मांड में हम अकेले नहीं हैं, ब्रह्मांड में भौतिक जीवन ही पूर्ण और पर्याप्त नहीं है।
इस अद्भुत अध्ययन में, हमें यह अनुभव होता है कि हमारी धारणा केवल पृथ्वी पर ही सीमित नहीं रहनी चाहिए। आसमान में चमकते सितारे हमें यह बताते हैं कि जीवन की उपस्थिति एक अनंत यात्रा है, जो सीमित नहीं है।
महाजीवन ही अध्ययन का विषय है..
यह अध्ययन हमें बताता है कि जीवन का अर्थ सिर्फ इस संबाध भरे ब्रह्मांड में ही समझा जा सकता है। हमें अपनी अंतरात्मा को ब्रह्मांड के साथ जोड़ने का संकेत मिलता है, जिससे हम अपनी जीवन यात्रा को एक समर्थनपूर्ण और सार्थक दिशा में मोड़ सकते हैं। ब्रह्मांड में हमारी असीम उपस्थिति को समझकर ही हम जीवन को संपूर्णता से जी सकते हैं।
 
                                मानव धर्म, सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण पहलू है..!!
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