Published By:धर्म पुराण डेस्क

बिना उद्देश्य के जीवन व्यर्थ है

अगर आपने अब तक अपने जीवन का उद्देश्य तय नहीं किया है तो आज ही कर लें, क्योंकि बिना उद्देश्य के जीवन व्यर्थ है।

जीवन की दिशा निर्धारित करें। जीवन में हर कर्म और हर संकल्प उस दिशा में होना चाहिए।

आप ईश्वर की ओर आगे बढ़ना चाहते हैं, लेकिन रास्ते में विश्राम स्थलों और सुख-स्थलों के मोह में न पड़ें। किसी खतरनाक रास्ते पर आने पर घबराएं नहीं और पीछे मुड़ें। आपके पास बहुत ताकत है और यह लगातार आपकी रक्षा करता है।

उसका अनुभव करें! एक महान प्रकाश तुम्हारे चारों ओर है। यह अंदर और बाहर, आगे और पीछे, ऊपर और नीचे, हर नस में व्याप्त है।

अपने ज्ञान, शक्ति और अधिकार को इसमें डुबो दें, इसे डूबने दें। तब आप अभ्यास करते हुए भी अपने जीवन में एक नई ऊर्जा और उत्साह का अनुभव करेंगे।

आप पाएंगे कि आपका जीवन हर पल ईश्वर के करीब जा रहा है। चाहे आप किसी भी स्थिति में हों, भगवान हमेशा आपके साथ हैं। और फिर एक मुस्कान के साथ अपने धैर्य और धैर्य को देखते हुए।

क्या आप इतनी खुशी के सामने गुस्सा हो सकते हैं? उनके कोमल चरण कमलों के स्पर्श को निरंतर अनुभव करो। देखना! इस बार भी उनका कमल का शौक आपके सिर चढ़कर बोल रहा है।

अतीत को भूल जाएं। जो होने वाला है वह आपके नियंत्रण से बाहर है। इसलिए भूत और भविष्य में न भटकें और केवल वर्तमान को सुधारें। ध्यान रहे यह क्षण भी व्यर्थ न जाए।

ऐसा महसूस करें कि आपका दिन सार्थक रूप से बीत रहा है और आप भगवान के पास जा रहे हैं।


 

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