 Published By:धर्म पुराण डेस्क
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कोई भी काम अच्छा है या बुरा, यह इस बात पर निर्भर करता है कि उसे कैसे किया जाता है। चाहे वह किसी भी चीज़ से जुड़ा हो।
क्या आप जानते हैं कि यह आयुर्वेद में भी लागू होता है। तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि खड़े होकर दूध क्यों पीना चाहिए और बैठकर पानी क्यों पीना चाहिए। ऐसा करने से आपको क्या लाभ मिल सकते हैं? क्योंकि अगर आप इन दोनों चीजों को विपरीत तरीके से करते हैं तो इसका खामियाजा आपकी सेहत को भुगतना पड़ता है। तो आइए आज हम आपको बताते हैं कि खड़े होकर दूध क्यों पीना चाहिए और बैठकर पानी क्यों पीना चाहिए।
दूध खड़े होकर क्यों पीना चाहिए?
दूध पित्त और वात को संतुलित करने का काम करता है। इसलिए जब आप बैठकर दूध पिएंगे तो आपको पाचन संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। यही कारण है कि आयुर्वेद कहता है कि खाना खाने के करीब दो घंटे बाद खड़े होकर गर्म दूध पीएं। जिससे शरीर को इसका पूरा लाभ मिल सके।
जानिए खड़े होकर दूध पीने के फायदे-
* खड़े होकर दूध पीने से आपके घुटनों में दर्द नहीं होता है।
* खड़े होकर दूध पीना मांसपेशियों के लिए फायदेमंद होता है।
* खड़े होकर दूध पीने से कैंसर का खतरा कम होता है।
* खड़े होकर दूध पीने से आपका रक्तचाप सामान्य रहता है।
* आंखों और त्वचा के लिए खड़े होकर दूध पीना बहुत फायदेमंद माना जाता है।
बैठकर पानी क्यों पीते हैं?
यदि आप खड़े होकर पानी पीते हैं, तो आपके भोजन और श्वासनली को ऑक्सीजन की आपूर्ति बंद हो जाती है। यह आपके दिल और फेफड़ों को भी प्रभावित करता है। खड़े होकर पानी पीने से एसिडिटी, गैस और डकार भी आ सकती है।
बैठकर पानी पीने के फायदे-
* बैठकर पानी पीने से पानी पाचन में मदद करता है और शरीर की सभी कोशिकाओं तक पहुंचता है।
* बैठे-बैठे पानी पीने से आपका शरीर उतना ही पानी सोखता है, जितना उसे चाहिए होता है, इस स्थिति में पानी पेशाब के जरिए विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है।
* बैठकर पानी पीने से खून साफ होता है।
 
 
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