साल का पहला चंद्र ग्रहण 5 मई शुक्रवार को पड़ रहा है। ग्रहण रात 8 बजकर 46 मिनट पर शुरू होगा और 1 बजकर 20 मिनट पर खत्म होगा।
जब चंद्रमा और सूर्य के बीच पृथ्वी आ जाती है तो पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है, जिससे चंद्रमा दिखना बंद हो जाता है। इस स्थिति को चंद्र ग्रहण कहते हैं। वैसे तो ग्रहण के पीछे वैज्ञानिक कारण होते हैं, लेकिन धार्मिक मान्यताओं में ग्रहण का विशेष महत्व है।
चंद्र ग्रहण को भी ज्योतिष शास्त्र में शुभ नहीं माना जाता है। साल का पहला चंद्र ग्रहण कल यानी 5 मई को लग रहा है। आइए जानते हैं इसके समय और सूतक काल से जुड़ी सभी जानकारियां।
शुक्रवार को पड़ने वाले इस चंद्र ग्रहण की अवधि करीब 4 घंटे 15 मिनट की रहेगी। 5 मई को लगने वाला ग्रहण पेनुमब्रल चंद्रग्रहण होगा जो भारत में दिखाई नहीं देगा। यह चंद्र ग्रहण एशिया, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण पूर्वी यूरोप के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा।
चंद्र ग्रहण का सूतक काल-
चंद्र ग्रहण का सूतक काल 9 घंटे पहले से शुरू हो जाता है। सूतक के दौरान कोई भी धार्मिक या शुभ कार्य नहीं किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सूतक के दौरान पृथ्वी का वातावरण प्रदूषित हो जाता है और इसके हानिकारक दुष्प्रभावों से बचने के लिए अतिरिक्त सावधानी बरतनी पड़ती है।
ग्रहण के सूतक काल में पूजा पाठ और अन्य धार्मिक क्रियाएं वर्जित मानी जाती हैं। ग्रहण समाप्त होने के बाद सूतक काल समाप्त हो जाता है। सूतक में भगवान की मूर्तियों को भी स्पर्श नहीं किया जाता है।
कल का चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। चूंकि यह भारत में दिखाई नहीं देता है, इसलिए यहां चंद्र ग्रहण का सूतक समय नहीं माना जाएगा। सूतक काल नहीं होने के कारण यहां पूजा-अर्चना की जा सकती है।
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