 Published By:धर्म पुराण डेस्क
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डॉ. नवीन आनंद जोशी
विश्व में केवल महाकाल ही ऐसे राजा है, जो अपने भक्तों को 365 दिन यानी एक वर्ष में 1825 रूपों में दर्शन देते है! दर्शन देने का यह सिलसिला प्रतिदिन भस्मारती से शुरू होकर शयन आरती तक चलता है! मंदिर में होने वाली 5 आरतियों में बाबा को अलग-अलग रूपों में श्रृंगारित किया जाता है।
बारह ज्योतिर्लिंगों में केवल महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग ही विश्व का ऐसा ज्योतिर्लिंग है, जहां प्रतिदिन पाँच आरतियाँ होती हैं। महाकाल पृथ्वी लोक के अधिपति अर्थात राजा है, महाकाल ज्योतिर्लिंग विश्व का एकमात्र ऐसा ज्योतिर्लिंग है,जिनकी प्रतिष्ठा पूरी पृथ्वी के राजा और मृत्यु के देवता के रूप में की गई है।
* उज्जैन विश्व का एकमात्र ऐसा स्थान है, जहां शक्तिपीठ भी है, ज्योतिर्लिंग भी है, कुंभ महापर्व भी है।
* यहाँ साढ़े तीन काल विराजमान है, (महाकाल, काल भैरव, गढ़कालिका, और अर्धकाल भैरव)।
* यही तीन गणेश भी विराजमान है, (चिंतामन, मंछामन, इच्छामन)।
* यहाँ 84 महादेव है, यही सात सागर है।
यही भगवान श्री कृष्ण की शिक्षा स्थली है, यही मंगल ग्रह की उत्पत्ति का स्थान है, यही वो स्थान है,जिसने महाकवि कालिदास हुए। विश्व का एकमात्र स्थान है,जहां अष्ट चिरंजीवी का मंदिर है, (वह सात देवता है जिन्हें, अमरता का वरदान प्राप्त है)। राजा विक्रमादित्य ने इस धरा का मान बढ़ाया।
यही विश्व की एकमात्र उत्तर प्रवाह में शिप्रा नदी है। इसके श्मशान को भी तीर्थ का स्थान प्राप्त है, चक्रतीर्थ श्मशान।
 
                                मानव धर्म, सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण पहलू है..!!
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